Happy Shiv Jayanti 2020 Wishes & Images: प्रियजनों को दें शिवाजी जयंती की शुभकामनाएं, भेजें ये शानदार WhatsApp Stickers, GIF Greetings, Photo SMS और एचडी वॉलपेपर्स
छत्रपति शिवाजी महाराज के जन्मोत्सव को शिवाजी जयंती और शिव जयंती (Shiv Jayanti) के नाम से जाना जाता है. शिव जयंती का उत्सव भव्य पैमाने पर मनाया जाता है. इस खास मौके पर लोग एक-दूसरे को शुभकामनाएं भी देते हैं. आप भी इन शानदार वॉट्सऐप स्टेटस, फोटो एसएमएस, एचडी वॉलपेपर्स और जीआईएफ ग्रीटिंग्स के जरिए प्रियजनों को शिव जयंती की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti 2020: आज तिथि के अनुसार, मराठा साम्राज्य के महान शासक छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती (Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti) मनाई जा रही है. हालांकि इससे पहले अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, 19 फरवरी को छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Mharaj) की जयंती मनाई गई थी. इस साल शिवाजी महाराज (Shivaji Maharaj) की 390वीं जयंती है. उनका का जन्म 19 फरवरी 1630 को पुणे के पास स्थित शिवनेरी दुर्ग में हुआ था, उनका पूरा नाम शिवाजी भोंसले था. उनके पिता का नाम शाहजी भोंसले और माता का नाम जीजाबाई था. देवी शिवाई के नाम पर ही उनका नाम शिवाजी रखा गया था. उनका बचपन मां जीजाबाई के मार्गदर्शन में बीता और उन्होंने बचपन में ही राजनीति व युद्ध की शिक्षा ली थी. आगे चलकर उन्होंने मराठा साम्राज्य की नींव रखी.
छत्रपति शिवाजी महाराज के जन्मोत्सव (Chhatrapati Shivaji Maharaj Birth Anniversary) को शिवाजी जयंती (Shivaji Jayanti) और शिव जयंती (Shiv Jayanti) के नाम से जाना जाता है. शिव जयंती का उत्सव भव्य पैमाने पर मनाया जाता है. इस खास मौके पर लोग एक-दूसरे को शुभकामनाएं भी देते हैं. आप भी इन शानदार वॉट्सऐप स्टेटस, फोटो एसएमएस, एचडी वॉलपेपर्स और जीआईएफ ग्रीटिंग्स के जरिए प्रियजनों को शिव जयंती की शुभकामनाएं दे सकते हैं. यह भी पढ़ें: Shiv Jayanti 2020 Wishes: छत्रपति शिवाजी महाराज के इन प्रेरणादायी हिंदी WhatsApp Stickers, Facebook Greetings, GIF Images, Quotes के जरिए प्रियजनों को दें शिव जयंती की शुभकामनाएं
हैप्पी शिवाजी जयंती
शिवाजी जयंती की शुभकामनाएं
हैप्पी शिवाजी महाराज जयंती
शिवाजी जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं
आपको और आपके परिवार को शिवाजी जयंती की हार्दिक बधाई
गौरतलब है कि शिवाजी महाराज बचपन में दोस्तों के साथ किले जीतने का खेल खेला करते थे और बड़े होने के बाद उन्होंने अपने शौर्य और पराक्रम से कई किलों पर फतह भी हासिल की. उन्होंने अपने जीवनकाल में कई बार मुगलों की सेना को मात दी थी. मराठा साम्राज्य के इस वीर योद्धा और महान शासक के शौर्य, पराक्रम और साहस को आज भी याद किया जाता है.