Happy Janmashtami 2020 Wishes & HD Photos: कान्हा के इन मनमोहक हिंदी WhatsApp Stickers, Images, GIF Greetings, Wallpapers, Facebook Messages के जरिए अपनों से कहें हैप्पी कृष्ण जन्माष्टमी
कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण की महिमा का गुणगान किया जाता है, लोग व्रत रखकर पूरे दिन भजन-कीर्तन करते हैं. एक-दूसरे को जन्माष्टमी की बधाई देते हैं. आप भी जन्माष्टमी के इस पावन अवसर पर कान्हा के इन मनमोहक विशेज, एचडी फोटोज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, इमेजेस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, वॉलपेपर्स और फेसबुक मैसेजेस के जरिए अपनों से हैप्पी कृष्ण जन्माष्टमी कह सकते हैं.
Krishna Janmashtami 2020 Wishes In Hindi: नंद को आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की... हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की... जी हां, आज पूरा देश भगवान श्रीकृष्ण (Lord Krishna) की भक्ति में सराबोर है. देश में कई जगहों पर 11 अगस्त (मंगलवार) को कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) का उत्सव मनाए जाने के बाद आज कृष्ण की जन्मस्थली मथुरा (Mathura) के अलावा देश के अन्य हिस्सों में कान्हा का जन्मोत्सव (Kanha Janmotsav) मनाया जा रहा है. हिंदू धर्म में कृष्ण जन्माष्टमी का विशेष महत्व बताया जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान विष्णु ने श्रीकृष्ण के रूप में आठवां अवतार लिया था. इस दिन कृष्ण की जन्मस्थली मथुरा के अलावा द्वारका (Dwarka) नगरी में उत्सव की अनोखी भव्यता देखने को मिलती है. इस अवसर पर बाल गोपाल की नटखट लीलाओं के उत्सव के तौर पर दही हांडी (Dahi Handi) का आयोजन किया जाता है.
कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण की महिमा का गुणगान किया जाता है, लोग व्रत रखकर पूरे दिन भजन-कीर्तन करते हैं. एक-दूसरे को जन्माष्टमी की बधाई देते हैं. आप भी जन्माष्टमी के इस पावन अवसर पर कान्हा के इन मनमोहक विशेज, एचडी फोटोज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, इमेजेस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, वॉलपेपर्स और फेसबुक मैसेजेस के जरिए अपनों से हैप्पी कृष्ण जन्माष्टमी (Happy Krishna Janmashtami) कह सकते हैं.
1- कृष्ण जन्माष्टमी 2020
2- कृष्ण जन्माष्टमी 2020
3- कृष्ण जन्माष्टमी 2020
4- कृष्ण जन्माष्टमी 2020
5- कृष्ण जन्माष्टमी 2020
गौरतलब है कि कृष्ण जन्माष्टमी के दिन बच्चों से लेकर बड़े और बुजुर्गों तक, हर कोई व्रत करता है. दिन भर घरों और मंदिरों में भजन-कीर्तन किए जाते हैं.मध्यरात्रि में जब वासुदेव और देवकी की संतान के रूप में श्रीकृष्ण का प्राकट्य होता है तो उनके बाल गोपाल स्वरूप का विधिवत अभिषेक किया जाता है. उनका अद्भुत श्रृंगार कर शोडषोपचार विधि से पूजा की जाती है. बाद में कान्हा को माखन-मिश्री के अलावा छप्पन प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया जाता है और उनकी आरती की जाती है.