Happy Holi 2020: कब है होली? यहां पढ़े रंगों के त्योहार का पूरा शेड्यूल
गोकुल स्थित गुरु शरणानंदजी महाराज के महावन रमणरेती आश्रम में हर साल पारंपरिक होली का आयोजन किया जाता है. इसमें टेसू के फूलों और गुलाल से होली खेली जाती है. इस वर्ष यह आयोजन 27 फरवरी को होगा.
Kab Hai Holi: मथुरा-वृंदावन में होली की सुगबुगाहट शुरू हो चुकी है. देश के अधिकांश जगहों पर जहां अधिकतम दो दिन होली खेली जाती है, वहीं कृष्ण की नगरी वृज में होली की धूम पूरे बसंत पंचमी से दाऊजी हुरंगा तक रंगों की बहार छायी रहती है. यहां बसंत पंचमी से ही होली का महोत्सव शुरू हो चुका है. होलिकोत्सव में शामिल होने के लिए देश दुनिया से श्रद्धालु मथुरा पहुंचने लगे हैं. ब्रज में बसंत पंचमी पर होली का ढांडा गाड़ने के साथ ही ब्रज के लगभग सभी मंदिरों में होली की सरगोसियां प्रारंभ हो जाती है. आइये जानें चालीस दिन तक चलने वाले ब्रज के महोत्सव ब्रज में होली का कौन सा उत्सव कब और कहां सेलीब्रेट किया जायेगा.
समाज गायन:
देश ही नहीं विदेशों में भी ब्रज की होली में आयोजित होने वाले समाज गायन का विशेष महत्व होता है. इसमें होली गीत एवं पदों के गायन की अति प्राचीन और गौरवशाली परंपरा है. इस दौरान ठाकुर जी यानी भगवान श्रीकृष्ण के समक्ष ब्रजवासी सेवायत ब्रजभाषा में होली के पदों का गायन करते हैं. इसकी शुरुआत ब्रज के मंदिरों विशेषरूप से बरसाना स्थित श्रीजी मंदिर में बसंत पंचमी से हो जाती है. श्रीजी मंदिर में गायन के बाद सेवायत गोस्वामी जन एक-दूसरे को गुलाल लगाकर इसकी शुरुआत करते हैं.
रमणरेती आश्रम में फूल और गुलाल की होली (27 फरवरी):
गोकुल स्थित गुरु शरणानंदजी महाराज के महावन रमणरेती आश्रम में हर साल पारंपरिक होली का आयोजन किया जाता है. इसमें टेसू के फूलों और गुलाल से होली खेली जाती है. इस वर्ष यह आयोजन 27 फरवरी को होगा.
बरसाना में लड्डू होली (3 मार्च):
मथुरा के बरसाना में ‘लड्डू होली’ धूमधाम से मनाई जाती है। यह बरसाना की विश्व विख्यात लठ्ठमार होली से एक दिन पहले लाडली मंदिर में मनाई जाती है। इस बार लड्डू होली का आयोजन 03 मार्च 2020 को किया जाएगा।
बरसाने की लट्ठमार होली (4 मार्च):
बरसाने की लट्ठमार होली विश्व भर में प्रसिद्ध है. रंगों की रौ में बहकर जहां महिलाएं पुरुषों पर लाठियां बरसाती हैं, वहीं पुरुष ढालों से अपने को बचाते हैं लेकिन लट्ठ से पिटे जाने पर आनंदित होकर होली गीत गाते हैं. इस अनूठी होली को देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में लोग बरसाना आते हैं. इस साल 4 मार्च 2020 को लट्ठमार होली का आयोजन बरसाने में होगा.
नंदगांव की लट्ठमार होली (5 मार्च):
बरसाना में लट्ठमार होली की धूम मचाने के बाद अगले ही दिन नंदगांव में भी लट्ठमार होली खेलने की परंपरा निभाई जाती है. इस वर्ष यह आयोजन 05 मार्च 2020 को होगा.
श्रीकृष्ण जन्मस्थान में ब्रज की होली (6 मार्च):
बरसाना और नंदगांव में लट्ठमार होली के बाद रंगभरनी एकादशी के दिन श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर होली मनाई जाती है. इस दिन ब्रज में देश-विदेशी भक्तों के साथ पूरा मथुरा यहां जुटता है. इस बार यह आयोजन 6 मार्च 2020 को होगा.
गोकुल में छड़ीमार होली (7 मार्च):
श्रीकृष्ण के गांव गोकुल में छड़ीमार होली खेली जाती है. गौरतलब है कि गोकुल में श्रीकृष्ण बाल रूप में रहे थे, इसलिए यहां लाठी के बजाए छड़ी-होली जाती है, ताकि उन्हें ज्यादा चोट न लगे. इस बार छड़ीमार होली 7 मार्च 2020 के दिन मनाया जाएगा.
दाऊजी का हुरंगा (11 मार्च):
मथुरा के दाऊजी मंदिर में दाऊजी का हुरंगा का आयोजन होता है. श्रीकृष्ण जी का यह मंदिर बलदेव गांव में स्थित है. इसका आयोजन ब्रज के राजा बलदेव (दाऊजी) के आंगन में किया जाता है. इस वर्ष दाऊजी का हुरंगा 11 मार्च 2020 को सेलीब्रट किया जाएगा।