Gayatri Jayanti 2022 Greetings: गायत्री की हार्दिक बधाई! भेजें ये हिंदी WhatsApp Wishes, Facebook Messages, GIFs और HD Images
सनातन धर्म में गायत्री देवी के मंत्र को महामंत्र बताया गया है, जिसके नियमित जप मात्र से व्यक्ति के जीवन की हर परेशानी दूर हो जाती है. गायत्री जयंती का हिंदू धर्म में विशेष महत्व बताया जाता है. ऐसे में गायत्री जयंती पर शुभकामना संदेशों को भेजना तो बनता ही है और इस अवसर पर आप भी इन हिंदी ग्रीटिंग्स, वॉट्सऐप विशेज, फेसबुक मैसेजेस, जीआईएफ और एचडी इमेजेस के जरिए अपनों को गायत्री जयंती की हार्दिक बधाई दे सकते हैं.
Gayatri Jayanti 2022 Greetings in Hindi: भाई-बहन के अटूट बंधन को समर्पित रक्षा बंधन (Raksha Bandhan) के त्योहार को जहां कल यानी 11 अगस्त को कई लोगों ने मनाया तो कई लोग आज यानी 12 अगस्त 2022 को यह पर्व को मना रहे हैं. आज श्रावण पूर्णिमा भी है, जिसे नारली पूर्णिमा (Narali Purnima) के नाम से जाना जाता है. इसके साथ ही इस दिन वेद माता गायत्री जयंती (Gayatri Jayanti) भी मनाई जा रही है. वैसे तो हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को गायत्री जयंती मनाई जाती है, लेकिन रक्षा बंधन के पर्व के साथ आज भी गायत्री जयंती सेलिब्रेट की जा रही है. वेद माता गायत्री को देवी पार्वती, सरस्वती और लक्ष्मी का संयुक्त अवतार माना जाता है. उनके एक हाथ में वेद, दूसरे में कमंडल है. उनके पांच मुख और दस भुजाए हैं, उनके चारों मुख चार वेदों के प्रतीक माने जाते हैं. भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश की आराध्य देवी मां गायत्री की दस भुजाएं भगवान विष्णु का प्रतीक है.
सनातन धर्म में गायत्री देवी के मंत्र को महामंत्र बताया गया है, जिसके नियमित जप मात्र से व्यक्ति के जीवन की हर परेशानी दूर हो जाती है. गायत्री जयंती का हिंदू धर्म में विशेष महत्व बताया जाता है. ऐसे में गायत्री जयंती पर शुभकामना संदेशों को भेजना तो बनता ही है और इस अवसर पर आप भी इन हिंदी ग्रीटिंग्स, वॉट्सऐप विशेज, फेसबुक मैसेजेस, जीआईएफ और एचडी इमेजेस के जरिए अपनों को गायत्री जयंती की हार्दिक बधाई दे सकते हैं.
1- शुभ गायत्री जयंती
2- गायत्री जयंती 2022
3- गायत्री जयंती की बधाई
4- गायत्री जयंती की शुभकामनाएं
5- हैप्पी गायत्री जयंती
गायत्री जयंती से जुड़ी प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, सृष्टि के आरंभ में ब्रह्मा जी के मुख से गायत्री मंत्र प्रकट हुआ था और वेदमाता गायत्री की कृपा से ही भगवान ब्रह्मा ने गायत्री मंत्र की व्याख्या अपने चारों मुख से चार वेदों के तौर पर की थी. देवताओं तक ही सीमित गायत्री माता और गायत्री मंत्र की महिमा को जन-जन तक पहुंचाने के लिए महर्षि विश्वामित्र ने कठोर तप किया और उन्ही की बदौलत यह महिमा लोगों तक पहुंच सकी.