Ganga Saptami 2023 Wishes in Hindi: हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को पतित पावनी मां गंगा की उत्पत्ति हुई थी, इसलिए इस दिन गंगा सप्तमी (Ganga Saptami) का त्योहार मनाया जाता है. गंगा सप्तमी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व बताया जाता है, यही वजह है कि इस पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इस साल गंगा सप्तमी 27 अप्रैल 2023 को मनाई जा रही है. प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, गंगा सप्तमी पतित पावनी मां गंगा के पुनर्जन्म का दिन है, इसलिए इसे गंगा जयंती (Ganga Jayanti) भी कहा जाता है. इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है. इसके अलावा ऐसी मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान (Ganga Snan) और गंगा पूजन (Ganga Pujan) करने से कुंडली के अशुभ ग्रहों के प्रभाव कम हो जाते हैं.
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, इसी पावन तिथि पर मां गंगा स्वर्ग लोक से भगवान शिव की जटाओं में पहुंची थीं, इसलिए इस दिन को गंगा सप्तमी के रूप में मनाया जाता है. इस अवसर पर लोग शुभकामना संदेशों का आदान-प्रदान भी करते हैं. ऐसे में आप भी इन हिंदी विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, फेसबुक ग्रीटिंग्स और कोट्स के जरिए अपनों को गंगा सप्तमी की हार्दिक बधाई दे सकते हैं.
1- गंगा सप्तमी के इस पावन अवसर पर,
आप सभी पर गंगा मैया की असीम कृपा बनी रहे.
गंगा सप्तमी की हार्दिक बधाई
2- ऐ गंगा, तेरे गंगाजल से हो जाते हैं लोग पवित्र,
पर क्यों नहीं होते इससे लोगों के मन पवित्र,
अगर मिट जाए लोगों के मन से ईर्ष्या की मैल,
तो बन जाएगा इस देश में एक प्रेम का महल,
गंगा सप्तमी की हार्दिक बधाई
3- हर दिन आपके जीवन में लाए,
सुख-शांति और समाधान,
पापनाशिनी गंगा मैया को,
श्रद्धापूर्वक तहे दिल से प्रणाम...
गंगा सप्तमी की हार्दिक बधाई
4- हर-हर गंगे...!!
भारत माता के हृदय से निकल कर,
सभी पापों का नाश करने वाली,
पतित पावनी मां गंगा को शत-शत नमन.
गंगा सप्तमी की हार्दिक बधाई
5- सुख और दुख जीवन के रंग हैं,
सब सही है अगर श्रद्धा संग है,
गंगा मैया के ध्यान में मलंग हैं,
हैपी गंगा सप्तमी कहने का ये नया ढंग है.
गंगा सप्तमी की हार्दिक बधाई
कहा जाता है कि गंगा सप्तमी के दिन गंगा में आस्था की डुबकी लगाने से अतीत और वर्तमान के सभी पाप धुल जाते हैं. इसके साथ ही मंगल ग्रह के नकारात्मक प्रभाव दूर होते हैं और इस दिन किए गए दान का व्यक्ति को कई जन्मों तक पुण्य प्राप्त होता है. गंगा स्नान के बाद किसी जरूरतमंद, गरीब, ब्राह्मण या असहाय लोगों को वस्त्र, फल और अन्न का दान करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है और मृत्यु के बाद मोक्ष मिलता है.