Dussehra 2018: जानें कब मनाया जाएगा विजयादशमी का पर्व, दुर्भाग्य को दूर करने के लिए इस दिन करें ये उपाय

पंचांग के अनुसार, दशमी तिथि 18 अक्टूबर को 3 बजकर 26 मिनट से लग जाएगी, जबकि 19 अक्टूबर को 5 बजकर 59 मिनट पर इसकी समाप्ति होगी. विजयादशमी का शुभ मुहूर्त 1 बजकर 58 मिनट से लेकर 2 बजकर 43 मिनट तक रहेगा.

दशहरा/ विजयादशमी का पर्व (Photo Credits: Wikimedia Commons and Flickr)

देशभर में नवरात्रि के पावन पर्व के दौरान दुर्गा देवी के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती हैं और उसके बाद दशहरा यानी विजयादशमी का पर्व मनाया जाता है. हिंदु पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को देशभर में विजयादशमी का पर्व मनाया जाता है और इस बार दशहरा यानी विजयादशमी 19 अक्टूबर को मनाया जाएगा. दरअसल, यह पर्व असत्य पर सत्य की जीत और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्रीराम ने लंका नरेश रावण से लंबा युद्ध किया था और युद्ध के 10वें दिन रावण का वध करके विजय हासिल की थी, इसी की खुशी में यह त्योहार मनाया जाता है.

बुराई पर अच्छाई के जीत के प्रतीक विजयादशमी यानी दशहरा के मौके पर देशभर में कई जगहों पर रावण दहन का आयोजन किया जाता है. कई जगहों पर नवरात्रि में रामलीला का आयोजन किया जाता है और इसका समापन दशहरा के दिन तब होता है जब भगवान राम रावण के पुतले का धनुष से संहार करते हैं.

पूजन का शुभ मुहूर्त 

पंचांग के अनुसार, दशमी तिथि 18 अक्टूबर को 3 बजकर 26 मिनट से लग जाएगी, जबकि 19 अक्टूबर को 5 बजकर 59 मिनट पर इसकी समाप्ति होगी. विजयादशमी का शुभ मुहूर्त 1 बजकर 58 मिनट से लेकर 2 बजकर 43 मिनट तक रहेगा. इस शुभ मुहूर्त में पूजा-पाठ करना, खरीददारी करना और नए कार्यों की शुरुआत करना शुभ माना जाता है. इसके अलावा इस काल में हाथी, घोड़े, अस्त्र-शस्त्र की पूजा भी की जाती है. यह भी पढ़ें: Navratri 2018: ब्राह्मण न मिले तो आप खुद कर सकते हैं दुर्गाष्टमी और महानवमी पर हवन, जानें इसकी आसान विधि

जरूर करें ये काम 

 

दुर्भाग्य दूर करने के लिए करें ये उपाय 

अगर लंबे समय से दुर्भाग्य आपका पीछा नहीं छोड़ रहा है तो इससे छुटकारा पाने के लिए विजयादशमी के दिन विशेष उपाय किए जाते हैं. इस दिन भोजपत्र पर अनार की कलम व अष्टगंध से 'दुर्भाग्य' लिखकर राम मंदिर में चढ़ाएं. सामग्री चढ़ाते समय " ओम त्रिविक्रमाय नम:" मंत्र का जप करें. इस उपाय को शुभ मुहूर्त के मध्यकाल में करना चाहिए. ऐसी मान्यता है कि इस उपाय से भगवान राम की कृपा से दुर्भाग्य से मुक्ति मिलती है. यह भी पढ़ें: Navratri 2018: कन्या पूजन के बाद ही संपन्न होता है नवरात्रि का व्रत, जानें कितनी होनी चाहिए उनकी उम्र?

कामयाबी पाने के लिए करें ये उपाय

अगर आप अपने हर कार्य में सफलता पाना चाहते हैं तो कामयाबी पाने की इच्छा से देवी पूजन करें, उन्हें 10 फल चढ़ाएं और फिर गरीबों में बाट दें. सामग्री चढ़ाते समय "ओम विजयायै नम:" मंत्र का जप करें. विजयादशमी के शुभ मुहूर्त के मध्यान में इस उपाय को करने से हर क्षेत्र में सफलता मिलती है.

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