Durga Puja 2024 Messages: शुभ दुर्गा पूजा! दोस्तों-रिश्तेदारों संग शेयर करें ये हिंदी Quotes, WhatsApp Wishes, GIF Greetings और Photo SMS
शारदीय नवरात्रि को देश के विभिन्न हिस्सों में लोग अपनी स्थानीय परंपराओं और रीति-रिवाजों के साथ मनाते हैं, जबकि बंगाली समुदाय के लिए षष्ठी तिथि से दुर्गा पूजा की शुरुआत होती है, इसलिए लोग एक-दूसरे को पर्व की बधाई भी देते हैं. ऐसे में आप भी इन हिंदी मैसेजेस, कोट्स, वॉट्सऐप विशेज, जीआईएफ ग्रीटिंग्स और फोटो एसएमएस को दोस्तों-रिश्तेदारों संग शेयर कर उन्हें शुभ दुर्गा पूजा कह सकते हैं.
Durga Puja 2024 Messages in Hindi: देश के विभिन्न हिस्सों में शारदीय नवरात्रि (Sharad Navratri) का उत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है. इसके साथ ही गरबा-डांडिया और रामलीला जैसे विभिन्न कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया है. वहीं पश्चिम बंगाल, असम, त्रिपुरा, ओडिशा, झारखंड और बिहार जैसे राज्यों में आज यानी 08 अक्टूबर 2024 से पांच दिवसीय दुर्गा पूजा (Durga Puja) उत्सव की भव्य शुरुआत हो गई है. दुर्गा पूजा यानी दुर्गा पूजो (Durga Pujo) को लेकर बंगाली समुदाय के लोगों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. बंगाली समुदाय द्वारा मनाए जाने वाले पांच दिवसीय दुर्गा पूजा उत्सव की शुरुआत शारदीय नवरात्रि के छठे दिन यानी अश्विन शुक्ल षष्ठी तिथि की महा षष्ठी (Maha Shashti) से होती है और इसका समापन अश्विन शुक्ल दशमी यानी विजयादशमी के त्योहार के साथ होता है. इस साल विजयादशमी 12 अक्टूबर 2024 को मनाई जाएगी.
मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की उपासना के पर्व शारदीय नवरात्रि को देश के विभिन्न हिस्सों में लोग अपनी स्थानीय परंपराओं और रीति-रिवाजों के साथ मनाते हैं, जबकि बंगाली समुदाय के लिए षष्ठी तिथि से दुर्गा पूजा की शुरुआत होती है, इसलिए लोग एक-दूसरे को पर्व की बधाई भी देते हैं. ऐसे में आप भी इन हिंदी मैसेजेस, कोट्स, वॉट्सऐप विशेज, जीआईएफ ग्रीटिंग्स और फोटो एसएमएस को दोस्तों-रिश्तेदारों संग शेयर कर उन्हें शुभ दुर्गा पूजा कह सकते हैं.
नवरात्रि से जुड़ी प्रचलित पौराणिक कथा के अनुसार, महिषासुर नामक असुर का संहार करने के लिए त्रिदेवों ब्रह्मा, विष्णु और महेश ने देवी दुर्गा को प्रकट किया था. जिसके बाद शक्ति स्वरुपा देवी दुर्गा और महिषासुर के बीच नौ दिनों तक भयंकर युद्ध चला, फिर दसवें दिन यानी अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को देवी दुर्गा ने महिषासुर का संहार किया. महिषासुर के संहार के साथ थी सृष्टि के सभी लोगों को उसके आतंक से मुक्ति मिल गई, इसलिए इस पर्व को बुराई पर अच्छाई और अधर्म पर धर्म की जीत के प्रतीक के तौर पर भी मनाया जाता है.