Dhanvantari Jayanti 2025 Messages: हैप्पी धन्वंतरि जयंती! दोस्तों-रिश्तेदारों संग शेयर करें ये हिंदी Shayaris, WhatsApp Wishes, GIF Greetings
ऐसी मान्यता है कि भगवान धन्वन्तरि की पूजा करने से व्यक्ति को उत्तम आरोग्य, आय, सुख, सौभाग्य, ऐश्वर्य, संपत्ति समेत सभी प्रकार के सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही शारीरिक और मानसिक कष्टों से मुक्ति पाने के लिए भी उनकी पूजा की जाती है. इस खास अवसर पर आप इन हिंदी मैसेजेस, शायरी, वॉट्सऐप विशेज, जीआईएफ ग्रीटिंग्स को शेयर करके दोस्तों-रिश्तेदारों को हैप्पी धन्वंतरि जयंती कह सकते हैं.
Dhanvantari Jayanti 2025 Messages in Hindi: इस साल 18 अक्टूबर 2025 से धनतेरस के साथ पांच दिवसीय दिवाली उत्सव (Diwali Utsav) की शुरुआत हो रही है. दरअसल, हिंदू धर्म में कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को जहां धनतेरस (Dhanteras) के साथ-साथ धन्वंतरि जयंती (Dhanvantari Jayanti) भी मनाई जाती है, जो देवताओं के वैद्य और आरोग्य के देवता भगवान धन्वंतरि को समर्पित है. आयुर्वेद के जनक और आरोग्य के देवता कहे जाने वाले भगवान धन्वंतरि अपनी चार भुजाओ में शंख, चक्र, औषधि और अमृत कलश धारण करते हैं. धन्वंतरि जयंती के दिन ही भारत में राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस (National Ayurveda Day) भी मनाया जाता है. कहा जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि अपने हाथों में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए इस दिन अच्छे आरोग्य के लिए भगवान धन्वंतरि की विधि-विधान से पूजा की जाती है.
ऐसी मान्यता है कि भगवान धन्वन्तरि की पूजा करने से व्यक्ति को उत्तम आरोग्य, आय, सुख, सौभाग्य, ऐश्वर्य, संपत्ति समेत सभी प्रकार के सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही शारीरिक और मानसिक कष्टों से मुक्ति पाने के लिए भी उनकी पूजा की जाती है. इस खास अवसर पर आप इन हिंदी मैसेजेस, शायरी, वॉट्सऐप विशेज, जीआईएफ ग्रीटिंग्स को शेयर करके दोस्तों-रिश्तेदारों को हैप्पी धन्वंतरि जयंती कह सकते हैं.
प्रचलित पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इसी पावन तिथि पर समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि अपने हाथों में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए इस दिन धन्वंतरि जयंती का पर्व मनाया जाता है. भगवान विष्णु के अवतार भगवान धन्वंतरि को आयुर्वेद का जनक और देवताओं का वैद्य कहा जाता है. यही वजह है कि अच्छे आरोग्य और निरोगी काया की कामना से धनतेरस पर विधि-विधान के साथ भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है. भगवान धन्वंतरि के प्रकट होने के दो दिन बाद यानी कार्तिक अमावस्या को देवी लक्ष्मी भी समुद्र से प्रकट हुई थीं, इसलिए कार्तिक अमावस्या को लक्ष्मी पूजन यानी दीपावली का पर्व मनाया जाता है.