Dev Uthani Ekadashi 2024 Wishes: देवउठनी एकादशी के इन भक्तिमय हिंदी Quotes, WhatsApp Messages, GIF Greetings को भेजकर दें शुभकामनाएं
देवउठनी एकादशी के साथ चतुर्मास के समाप्त होते ही फिर से श्रीहरि जगत के संचालन का कार्यभार अपने हाथों में ले लेते हैं और इसी के साथ मांगलिक कार्यों की एक बार फिर से शुरुआत हो जाती है, इसलिए इस दिन शुभकामना संदेशों का आदान-प्रदान भी किया जाता है. ऐसे में इस खास अवसर पर आप इन भक्तिमय हिंदी विशेज, कोट्स, वॉट्सऐप मैसेजेस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स को भेजकर देवउठनी एकादशी की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
Dev Uthani Ekadashi 2024 Wishes in Hindi: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी (Dev Uthani Ekadashi) का व्रत किया जाता है. देवउठनी एकादशी को प्रबोधिनी एकादशी (Prabodhini Ekadashi) और देवोत्थान एकादशी (Devutthana Ekadashi) जैसे विभिन्न नामों से भी जाना जाता है. उदयातिथि के अनुसार, इस साल 12 नवंबर 2024 को देवउठनी एकादशी का व्रत किया जा रहा है. इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है. मान्यता है कि इस दिन सच्चे मन से उपासना करने से भक्तों को विष्णु जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और घर-परिवार में सुख-समृद्धि का भी वास रहता है. इसी पावन तिथि पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) चार महीने की योगनिद्रा से जागते हैं और उनके योगनिद्रा से बाहर आते ही चतुर्मास का समापन हो जाता है.
Ekadashi Kab Se Kab Tak Hai: देवउठनी एकादशी के साथ चतुर्मास के समाप्त होते ही फिर से श्रीहरि जगत के संचालन का कार्यभार अपने हाथों में ले लेते हैं और इसी के साथ मांगलिक कार्यों की एक बार फिर से शुरुआत हो जाती है, इसलिए इस दिन शुभकामना संदेशों का आदान-प्रदान भी किया जाता है. ऐसे में इस खास अवसर पर आप इन भक्तिमय हिंदी विशेज, कोट्स, वॉट्सऐप मैसेजेस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स को भेजकर देवउठनी एकादशी की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
हिंदू धर्म की प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, आषाढ़ मास की देवशयनी एकादशी के दिन श्रीहरि योगनिद्रा में चले जाते हैं और फिर चार महीने बाद देवउठनी एकादशी को योगनिद्रा से बाहर आते हैं, इसलिए इस तिथि का विशेष महत्व बताया जाता है. देवउठनी एकादशी पर श्रीहरि के जागने और चतुर्मास की समाप्ति के बाद विवाह, मुंडन और गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्यों की फिर से शुरुआत हो जाती है. मान्यता है कि इस एकादशी व्रत को करने से जातक को सभी तरह के पापों से छुटकारा मिलता है और शुभ फलों की प्राप्ति होती है.