
Dev Diwali 2021 Wishes in Hindi: हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को दीपावली (Deepawali) का पर्व मनाए जाने के ठीक 15 दिन बाद कार्तिक मास की पूर्णिमा को देवताओं की दिवाली होती है, जिसे देव दीपावली (Dev Deepawali) कहा जाता है. देव दिवाली (Dev Diwali) के इस पावन अवसर पर संध्या के समय भगवान शिव (Lord Shiva) की नगरी काशी में गंगा घाटों को सजाया जाता है और दीयों की रोशनी के साथ देव दीपावली का पर्व मनाया जाता है. प्रचलित मान्यता के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) के दिन देव दीपावली मनाने के लिए स्वर्ग से सभी देवता काशी नगरी में आते हैं. इस दिन पतित पावनी गंगा में आस्था की डुबकी लगाने के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ता है और यहां के 84 घाटों को लाखों दीयों की रोशनी से रोशन किया जाता है.
हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली मनाई जाती है. इस दिन शाम के समय मां गंगा की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और दीपदान किया जाता है. ऐसे में देव दीपावली के इस पावन अवसर पर आप इन प्यार भरे हिंदी विशेज, कोट्स, वॉट्सऐप मैसेजेस, फेसबुक ग्रीटिंग्स, जीआईएफ इमेजेस को सोशल मीडिया के जरिए भेजकर अपनों को शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- एक दुआ मांगते हैं हम अपने भगवान से,
चाहते हैं आपकी खुशी पूरे ईमान से,
सब हसरतें पूरी हो आपकी,
और आप मुस्कुराएं दिल-ओ-जान से...
देव दिवाली की शुभकामनाएं

2- दीप जलते जगमगाते रहें,
हम आपको आप हमें याद आते रहें,
जब तक जिंदगी है दुआ है हमारी,
आप चांद की तरह जगमगाते रहें.
देव दिवाली की शुभकामनाएं

3- धन की वर्षा हो इतनी कि,
हर जगह आपका नाम हो,
दिन-रात आपको व्यापार में लाभ हो,
यही शुभकामना है हमारी,
ये दिवाली आपके लिए बहुत खास हो.
देव दिवाली की शुभकामनाएं

4- दिवाली का ये पावन त्योहार,
जीवन में लाए खुशियां अपार,
लक्ष्मी जी विराजें आपके द्वार,
शुभकामनाएं हमारी करें स्वीकार.
देव दिवाली की शुभकामनाएं

5- धन की वर्षा हो इतनी कि,
हर जगह आपका नाम हो,
दिन रात आपको व्यापार में लाभ हो,
यह देव दिवाली आपके लिए खास हो.
देव दिवाली की शुभकामनाएं

कार्तिक पूर्णिमा से जुड़ी प्रचलित मान्यता के अनुसार, इसी दिन भगवान शिव ने त्रिपुरारी अवतार लेकर त्रिपुरासुर का संहार किया था और देवताओं को त्रिपुरासुर नामक तीन भाइयों की तिकड़ी के आतंक से मुक्त कराया था. त्रिपुरासुर का संहार करने के कारण ही भगवान शिव को त्रिपुरारी भी कहा जाता है. त्रिपुरासुर पर भगवान शिव की विजय की खुशी में सभी देवी-देवताओं ने दीये प्रज्जवलित करके दीपावली मनाई थी. कहा जाता है कि काशी में तब से हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीपावली मनाने की परंपरा चली आ रही है.