Chhatrapati Shivaji Maharaj Terminus Opening Anniversary: मुंबई का सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन है छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, जानें इससे जुड़े ऐतिहासिक तथ्य
मायानगरी मुंबई के सबसे व्यस्त स्टेशन छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस 20 जून 1887 में आम जनता के लिए खोला गया था, आज छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस उद्घाटन वर्षगांठ है. मुंबई के प्रसिद्ध स्थलों में शुमार सीएसटीएम को संयुक्त राष्ट्र के शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन यानी यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थलों के रूप में भी मान्यता प्राप्त है.
Chhatrapati Shivaji Maharaj Terminus Opening Anniversary: मायानगरी मुंबई के सबसे व्यस्त स्टेशन छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (Chhatrapati Shivaji Maharaj Terminus) को 20 जून 1887 में आम जनता के लिए खोला गया था, आज छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस उद्घाटन की वर्षगांठ है. इस स्टेशन को पहले विक्टोरिया टर्मिनस (Victoria Terminus) यानी वीटी (VT) और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (Chhatrapati Shivaji Terminus) यानी सीएसटी (CST) के नाम से जाना जाता था. इस ऐतिहासिक स्टेशन को सिर्फ मुंबई ही नहीं, बल्कि भारत के सबसे व्यस्त स्टेशनों में से एक माना जाता है. इतना ही नहीं मुंबई के प्रसिद्ध स्थलों में शुमार सीएसटीएम (CSMT)को संयुक्त राष्ट्र के शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (United Nations Educational, Scientific and Cultural Organization) यानी यूनेस्को (UNESCO) द्वारा विश्व विरासत स्थलों के रूप में भी मान्यता प्राप्त है.
छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस को मुंबई के बोरीबंदर इलाके में बोरीबंदर रेलवे स्टेशन को बदलने के लिए बनाया गया था, जिसे पहले बॉम्बे के नाम से जाना जाता था. इस स्टेशन को ब्रिटिश मूल के आर्किटेक्चरल इंजीनियर फ्रेडरिक विलियम स्टीवंस (Frederick William Stevens) ने डिजाइन किया था और इसका नाम विक्टोरिया टर्मिनस रखा गया, जो क्वीन विक्टोरिया के नाम पर था. साल 1996 में इस स्टेशन का नाम मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर छत्रपति शिवाजी टर्मिनस रखा गया.
छत्रपति शिवाजी टर्मिनस में महाराज शब्द को साल 2017 में जोड़ा गया, बावजूद इसके आमतौर पर इस स्टेशन को लोग संक्षिप्त में वीटी और सीएसटी कहते हैं. छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस की शैली मुंबई में सन 1870 में बनाए गए अन्य सार्वजनिक भवनों के समान है जैसे- एल्फिंस्टन कॉलेज और मुंबई यूनिवर्सिटी की इमारतें. बताया जाता है कि इस ऐतिहासिक स्टेशन के निर्माण कार्य को पूरा करने में 10 साल का समय लगा था, जो मुबंई में उस दौरान किसी भी भवन के निर्माण के लिए लिया गया सबसे लंबा समय था.
सीएसटीएम में कुल 18 प्लेटफॉर्म हैं, जिनमें से सात प्लेटफॉर्म उपनगरीय लोकल ट्रेनों के लिए हैं और 11 प्लेटफॉर्म ( प्लेटफॉर्म 8 से प्लेटफॉर्म 18) लंबी दूरी की एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए हैं. 16 अप्रैल 2013 को सीएसटी में एयर कंडीशन वाले डोरमेटरी का उद्घाटन किया गया. इस सुविधा में पुरुषों के लिए 58 और महिलाओं के लिए 20 बेड हैं.