Bhanu Saptami 2023 Messages: हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, भगवान सूर्यदेव (Bhagwan Surya Dev) को समर्पित भानु सप्तमी का व्रत रखने से व्यक्ति को अच्छे स्वास्थ्य और खुशहाल जीवन का आशीर्वाद मिलता है. इसके साथ ही बीमारियों दूर होती हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने की शुक्ल पक्ष की सप्तमी को भानु सप्तमी (Bhanu Saptami) का पर्व मनाया जाता है, जिसमें आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की भानु सप्तमी का विशेष महत्व बताया जाता है, जो आज यानी 25 जून 2023 को है. इस दिन रविवार भी है, इसलिए इस भानु सप्तमी का महत्व और अधिक बढ़ गया है. इस दिन व्रत रखकर सूर्य देव की उपासना करने से भक्तों को विशेष फल की प्राप्ति हो सकती है. इस दिन शुभ संयोग में सूर्य देव को अर्घ्य देने और उनकी पूजा करने से जीवन में चल रहे संकट कम होते हैं, क्योंकि सूर्य हमारी आत्मा, निरोगी काया और सम्मान का कारक होता है.
भानु सप्तमी का व्रत करने से जातक को सुख-समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है. अगर संतान प्राप्ति में बाधा आ रही है तो इस व्रत को करना चाहिए, क्योंकि वंश वृद्धि के लिए सूर्य की उपासना करना बेहद लाभकारी माना जाता है. भानु सप्तमी पर आप इन हिंदी मैसेजेस, कोट्स, वॉट्सऐप विशेज, फेसबुक ग्रीटिंग्स, फोटो एसएमएस के जरिए अपनों को शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- सद्विचार, सदाचार, प्रेम और भक्ति,
यही है सूर्य देव को प्रसन्न करने की शक्ति.
भानु सप्तमी की शुभकामनाएं
2- भानु सप्तमी का पर्व आए बनकर उजाला,
खुल जाए आपकी किस्मत का ताला,
हमेशा आप पर रहे मेहरबान ऊपर वाला,
यही दुआ करता है आपका ये चाहने वाला.
भानु सप्तमी की शुभकामनाएं
3- खुशियों का त्योहार आया है,
सूर्य देव से सब जगमगाया है,
खेत-खलिहान धन और धान,
यूं ही बनी रहे हमारी शान.
भानु सप्तमी की शुभकामनाएं
4- मंदिर की घंटी, आरती की थाली,
नदी के किनारे सूरज की लाली,
जिंदगी में आए खुशियों की बहार,
मुबारक हो आपको भानु सप्तमी का त्योहार.
भानु सप्तमी की शुभकामनाएं
5- पालनहार हैं जो विश्व के,
साथ घोड़ों की करते हैं जो सवारी,
न कभी झुके न ही कभी रुके,
ऐसे सूर्य देव आपको सुख-समृद्धि दें.
भानु सप्तमी की शुभकामनाएं
मान्यता है कि सूर्यदेव की उपासना करने से कुंडली में सूर्य और मंगल के अशुभ प्रभाव में कमी आती है. इसके साथ ही इस दिन सूर्य से जुड़ी वस्तुओं का दान करना शुभ माना जाता है. इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत्त होने के बाद लाल रंग के कपड़े पहनकर, माथे पर रोली या लाल चंदन का तिलक लगाकर सूर्यदेव की उपासना करनी चाहिए. इसके बाद तांबे के लोटे में लाल चंदन, अक्षत, गुड़, लाल फूल इत्यादि डालकर अर्घ्य देना चाहिए. अर्घ्य देते समय सूर्य देव के मंत्रों का जप करना चाहिए. इस दिन व्रत रखने वालों को नमक का सेवन करने से परहेज करना चाहिए.