Army Day 2020: जानें भारतीय सेना के लिए क्यों अहम है 15 जनवरी का दिन
आज भारतीय सेना 72 वां सेना दिवस मना रही है. हर साल हमारे देश के सैनिकों को सम्मान देने के लिए सभी सेना कमान मुख्यालय में सेना दिवस मनाया जाता है, जिन्होंने निस्वार्थ सेवा और भाईचारे की सबसे बड़ी मिसाल कायम की है और देश के लिए किसी भी चीज से ज्यादा प्यार किया है. राष्ट्र इस दिन बहादुरों की वीरता को भी श्रद्धांजलि देता है और उनकी निस्वार्थ सेवा के लिए उन्हें धन्यवाद देता है.
Army Day 2020: आज भारतीय सेना 72 वां सेना दिवस (Army Day) मना रही है. हर साल हमारे देश के सैनिकों को सम्मान देने के लिए सभी सेना कमान मुख्यालय में सेना दिवस मनाया जाता है, जिन्होंने निस्वार्थ सेवा और भाईचारे की सबसे बड़ी मिसाल कायम की है और देश को किसी भी चीज से ज्यादा प्यार किया है. राष्ट्र इस दिन बहादुरों की वीरता को भी श्रद्धांजलि देता है और उनकी निस्वार्थ सेवा के लिए उन्हें धन्यवाद देता है. सेना दिवस का आज प्रदर्शन कार्यक्रम नई दिल्ली के करियप्पा परेड ग्राउंड में वार्षिक परेड होगा. परेड की समीक्षा सेना प्रमुख जनरल एम. एम. नरवाने (Army chief General M M Naravane) करेंगे, वह अपने कर्मियों को वीरता और अन्य पुरस्कार भी प्रदान करेंगे.
हम 15 जनवरी को सेना दिवस क्यों मनाते हैं?
हर साल भारतीय सेना 15 जनवरी को सेना दिवस मनाती है. ऐसा इसलिए है, क्योंकि 1949 में इसी दिन भारतीय सेना को अपना पहला सेना प्रमुख मिला था. लेफ्टिनेंट जनरल केएम करियप्पा (Lieutenant General KM Cariappa) ने भारत के पहले ब्रिटिश कमांडर-इन-चीफ जनरल सर फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना के पहले कमांडर-इन-चीफ के रूप में सशस्त्र बल की बागडोर संभाली. हर साल भारतीय सेना दिवस को विभिन्न विषयों और थीम पर जाता है. इस वर्ष का विषय कुछ नया है. इस साल डेफएक्सपो इंडिया 2020 भारत हैं, इमर्जिंग डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग हब और मुख्य फोकस 'डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन ऑफ डिफेंस' भारतीय सेना दिवस 2020 थीम पर होगा.
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इस साल के आर्मी डे परेड में नया क्या है?
यह पहली बार होगा जब महिला सेना अधिकारी सेना दिवस परेड की अगुवाई करती नजर आएंगी. 72 वें भारतीय सेना दिवस 2020 में कप्तान तानिया शेर गिल (Tania Sher Gill) इस वर्ष सेना दिवस परेड के लिए पहली महिला परेड सहायक होंगी. तानिया शेर गिल चौथी पीढ़ी की भारतीय सेना की अधिकारी हैं, जो 2017 में चेन्नई में ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी से स्नातक करने के बाद सशस्त्र बलों में शामिल हुई थीं.