Armed Forces Flag Day Date 2023: क्यों आवश्यक है भारतीय सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाना? जानें इसका इतिहास, उद्देश्य और प्रक्रिया!

भारतीय रक्षा मंत्री समिति ने 1949 में झंडा दिवस कोष की स्थापना की थी. इसका मुख्य उद्देश्य राष्ट्र की अखंडता एवं सुरक्षा की रक्षा करने वाले शहीदों के कल्याणार्थ जनता को झंडे वितरित करना और सशस्त्र बलों की उन्नति के लिए कोष जुटाना है.

Armed Forces Flag Day 2023 Messages (File Image)

  Armed Forces Flag Day 2023: भारत में प्रत्येक वर्ष 7 दिसंबर को भारतीय सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाया जाता है. दरअसल देश की सीमा की सुरक्षा तीन सेनाएं (नौसेना, थल सेना एवं वायु सेना) करती है. भारतीय सेना झंडा दिवस वस्तुतः थल सेना, नौसेना और वायुसेना के जवान के कल्याण के लिए मनाया जाता है. इस दिन शहीदों और वीर सेनानियों के उन लोगों को सम्मानित किया जाता हैजिन्होंने देश की रक्षा के किए दुश्मनों का मुकाबला किया है और अपना सब कुछ देश के नाम कर दिया है.

क्या है इस दिवस का इतिहास

   गौरतलब है कि भारत पर कई दशकों तक ब्रिटिश हुकूमत का कब्जा रहा है. अंततः 15 अगस्त 1947 को भारत को आजादी मिली. इसके बाद भारत का अपना संविधान बना और भारत एक लोकतांत्रिक देश के रूप में मनोनीत हुआ. तब हमारे सामने देश की सीमा एक सबसे बड़ी चुनौती बनकर सामने आई. इसके लिए सेना का गठन हुआ, और उसे लगातार सशक्त बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई. आजादी के दो साल भारत सरकार ने भारतीय सेना के जवानों के कल्याण के लिए एक समिति का गठन किया गया. ताकि हम देश की सीमाओं की मुस्तैदी से रक्षा करने वाले सैनिकों के कल्याण के लिए कुछ विशेष कर सकें. इस समिति ने धन जमा करने के लिए लोगों के बीच छोटे झंडे बांटे और धन संग्रह किया. इन झंडे में तीन रंग लालहरा नीला) थे. ये रंग तीनों सेनाओं के प्रतीक चिह्न स्वरूप हैं.

7 दिसंबर को ही क्यों मनाते हैं सशस्त्र झंडा दिवस?

  भारतीय रक्षा मंत्री समिति ने 1949 में झंडा दिवस कोष की स्थापना की थी. इसका मुख्य उद्देश्य राष्ट्र की अखंडता एवं सुरक्षा की रक्षा करने वाले शहीदों के कल्याणार्थ जनता को झंडे वितरित करना और सशस्त्र बलों की उन्नति के लिए कोष जुटाना है. इसी धारणा के साथ 7 दिसंबर 1949 को पहली बार सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाया गया, और तभी से प्रत्येक वर्ष 7 दिसंबर को सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाया जा रहा है. साल 1993 को भारतीय रक्षा मंत्रालय ने सभी संबंधित कल्याण निधियों को एकल सशस्त्र बल झंडा दिवस कोष में विलय कर दिया गया. इन फंडों की रूपरेखा कुछ इस तरह से है.

सेंट डंस्टन (भारत) और केंद्रीय सैनिक बोर्ड फंड

युद्ध शोक संतप्तयुद्ध में विकलांग और अन्य भूतपूर्व सैनिकों/सेवारत कार्मिकों के लिए एकीकृत विशेष निधि

झंडा दिवस निधि

सशस्त्र सेना ध्वज कोष में कैसे योगदान करें:

झंडा दिवस पर सशस्त्र बलों में योगदान देने के लिएआप या तो ऑनलाइन योगदान कर सकते हैं या चेक या सीधे बैंक जमा कर सकते हैं. इसके अलावाआप https://ksb.gov.in/DonateAFFDF.htm पर भी ऑनलाइन योगदान कर सकते हैं.

आम लोगों से एकत्र किये गये फंड का उपयोग जरूरतमंद पूर्व सैनिकोंयुद्ध में शहीद हुए सैनिकों की विधवाओंउनके आश्रितों और उनके पुनर्वास में शामिल संगठनों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए किया जाता है, क्योंकि यह शहीदों और सैनिकों के परिवारों का ख्याल रखना देश के सभी नागरिकों की जिम्मेदारी है. गौरतलब है कि भारतीय सशस्त्र बल 1.4 मिलियन से अधिक सक्रिय कर्मियों की ताकत के साथ दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सैन्य शक्ति है. साथ हीयह दुनिया की सबसे बड़ी स्वयंसेवी सेना है.

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