Ramadan 2025 Sehri and Iftar Time: रमजान का 17वां रोजा, जानें दिल्ली, मुंबई, लखनऊ समेत अन्य शहरों में आज कितने बजे की जाएगी इफ्तार और कल का सहरी का टाइम
रमजान के दूसरे अशरे में आज 17वां रोजा है. जानते हैं कि आज यानी 18 मार्च को दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई सहित अन्य शहरों में इफ्तार का समय क्या है और कल, यानी 19 मार्च को सहरी का समय कितने बजे होगा.

Ramadan 2025 Sehri and Iftar Time: रमजान का महीना 1 मार्च से शुरू हैं. रमजान के पाक महीने का दूसरा अशरा चल रहा है. यह पाक महीना रमजान की शुरुआत से लेकर पहले 10 दिनों तक के रोजों को पहला अशरा (बरकत या रहमत) कहा जाता है. वहीं, 11 से 20वें रोजों को दूसरा अशरा (मगफिरत) कहा जाता है. चार दिन बाद, 21वें रोजे से अंतिम रोजे का तीसरा अशरा शुरू हो जाएगा, जिसे तीसरे अशरे (दोज़ख से आज़ादी) के नाम से जाना जाता है. इस महीने में तीनों अशरों का एक खास मकसद है.
रमजान के दूसरे अशरे में आज 17वां रोजा है. जानते हैं कि आज यानी 18 मार्च को दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई सहित अन्य शहरों में इफ्तार का समय क्या है और कल, यानी 19 मार्च को सहरी का समय कितने बजे होगा. यह भी पढ़े: Ramadan 2025 Sehri and Iftar Time: रमजान का 15वां दिन, जानें मुंबई, दिल्ली, लखनऊ समेत देश के अन्य हिस्सों में इफ्तार और अगले दिन की सहरी का समयduboard.rajasthan.gov.in पर करें रिजल्ट चेक
सहरी- इफ्तार
शहर का नाम | सहरी का समय | इफ्तार का समय |
---|---|---|
दिल्ली (Delhi) | सुबह 5:08 बजे | शाम 6:33 बजे |
मुंबई (Mumbai) | सुबह 5:32 बजे | शाम 6:49 बजे |
लखनऊ (Lucknow) | सुबह 4:53 बजे | शाम 6:21 बजे |
कानपुर (Kanpur) | सुबह 4:48 बजे | शाम 6:20 बजे |
कोलकाता (Kolkata) | सुबह 4:26 बजे | शाम 5:48 बजे |
रायबरेली (Rae Bareli) | सुबह 4:43 बजे | शाम 6:18 बजे |
रमजान की फज़ीलत
रमजान इस्लामिक कैलेंडर का नौवां महीना है, जो मुसलमानों के लिए विशेष महत्व रखता है.इस महीने में रोजा रखना, यानी सूर्योदय से सूर्यास्त तक भोजन और पेय से दूर रहना, आत्मिक शुद्धता, धैर्य और समर्पण का प्रतीक है। यह महीना कुरान शरीफ के अवतरण का महीना भी है, और इसमें रातों को तरावीह नमाज़ पढ़ने की विशेष परंपरा है.
फ़ितरा
रमजान के अंत में, ईद से पहले, मुसलमानों पर फ़ितरा देना अनिवार्य होता है. यह गरीबों और जरूरतमंदों की मदद के लिए दिया जाता है, ताकि वे भी ईद की खुशियों में शामिल हो सकें.फ़ितरा की राशि आमतौर पर एक व्यक्ति के लिए मुख्य भोजन सामग्री की कीमत के बराबर होती है.
ज़कात:
ज़कात इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है, जो संपत्ति का एक निश्चित हिस्सा (आम तौर पर 2.5%) गरीबों और जरूरतमंदों को देने के लिए है.यह आर्थिक समानता और समाज में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए अनिवार्य है. रमजान के महीने में ज़कात देना विशेष रूप से पुण्यदायी माना जाता है.
तरावीह नमाज़:
रमजान के महीने में रात के समय विशेष अतिरिक्त नमाज़, जिसे तरावीह कहा जाता है, पढ़ी जाती है. यह नमाज़ रमजान की रातों में विशेष रूप से पढ़ी जाती है. तरावीह नमाज़ के माध्यम से मुसलमान कुरान की तिलावत सुनते हैं और आध्यात्मिक रूप से अपने आप को सशक्त करते हैं.