Chandra Grahan & Sutak Kal 2023: क्या है सूतक काल एवं कैसे करें इसकी गणना? जानें ग्रहण से बचने के सहज टिप्स!

चंद्र ग्रहण हो या सूर्य ग्रहण, दोनों ही परिस्थितियों में ग्रहण काल को अशुभ माना जाता है, इसे ही सूतक काल कहते हैं. हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार इस काल में किसी भी तरह के शुभ-मंगल अथवा पूजा-पाठ वगैरह नहीं करना चाहिए, क्योंकि ग्रहण काल में किये गये शुभ कार्यों के अशुभ फल प्राप्त होने की संभावना बढ़ जाती है.

चंद्र ग्रहण 2023 (Photo Credits: File Image)

चंद्र ग्रहण हो या सूर्य ग्रहण, दोनों ही परिस्थितियों में ग्रहण काल को अशुभ माना जाता है, इसे ही सूतक काल कहते हैं. हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार इस काल में किसी भी तरह के शुभ-मंगल अथवा पूजा-पाठ वगैरह नहीं करना चाहिए, क्योंकि ग्रहण काल में किये गये शुभ कार्यों के अशुभ फल प्राप्त होने की संभावना बढ़ जाती है. यही वजह है कि ज्योतिष शास्त्री सूतक काल के नियमों का कड़ाई से पालन करने का निर्देश देते हैं. हालांकि ज्योतिष शास्त्री श्री संजय शुक्ला का कहना है कि सूतक काल से बचने के कुछ उपाय भी हैं, जिनके फॉलो करने से अशुभ प्रभाव को दूर किया जा सकता है. आइये जानते हैं क्या उपाय बता रहे हैं पंडित संजय शुक्ला...

ऐसे करें गणना सूतक काल की

शुद्ध सूतक काल जानने के लिए जरूरी है कि आप चंद्र अथवा सूर्य ग्रहण की सटीक तिथि जरूर जान लें, क्योंकि चंद्र ग्रहण लगने के 9 घंटे पूर्व से सूतक काल लग जाता है. वहीं सूर्य ग्रहण की गणना के लिए सूर्य ग्रहण लगने से ठीक 12 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाएगा, ग्रहण समाप्त होते ही सूतक काल भी खत्म हो जाता है. लेकिन यहां बता दें कि सूतक काल के नियम तभी माने जायेंगे, जब आपके शहर में ग्रहण लग रहा हो. वरना सूतक काल मान्य नहीं होंगे. लेकिन आज लग रहा चंद्रग्रहण भारत में सभी जगहों पर देखे जा सकते हैं, इसलिए सूतक काल के नियम हम सभी को मानना चाहिए. यह भी पढ़ें : Valmiki Jayanti 2023 Wishes: वाल्मीकि जयंती पर ये WhatsApp Status, GIF Images, Quotes और Wallpapers भेजकर दें बधाई

सूतक काल में इन उपायों को अवश्य फॉलो करें

* सूतक काल में किसी भी तरह के खान-पान से बचना चाहिए, लेकिन अस्वस्थ, वृद्ध एवं गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के चरम काल तक ही परहेज कर सकते हैं.

* सूतक काल में पत्नी या किसी से भी शारीरिक संबंध बनाने से बचना चाहिए.

* सूतक काल शुरू होने के बाद गर्भवती महिला को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए, ना ही सूतक काल में चंद्रमा का दर्शन ही करना चाहिए.

* ग्रहण काल में गर्भवती महिला को चाकू, सुई, पिन, खुरपी, हंसिया जैसी नुकीली चीजों से बचना चाहिए.

* अगर बना हुआ खाना बच जाता है तो इसमें सूतक काल लगने से पहले ही तुलसी पत्ता और कुश डालकर ढक कर रख दें, इससे ग्रहण काल में उत्पन्न दूषित प्रभाव से खाद्य-पदार्थ सुरक्षित रहते हैं.

* सूतक काल में सर अथवा बालों में तेल लगाना वर्जित है, तथा दांतों की सफाई भी नहीं करनी चाहिए.

* चंद्र ग्रहण काल में चंद्रमा को देखने से बचें.

* ग्रहण खत्म होने के पश्चात स्नान करने के बाद पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव कर घर को शुद्ध करने की कोशिश करें.

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