Bhagat Singh Death Anniversary 2020: शहीद भगत सिंह के 10 क्रांतिकारी विचार, जो आज भी युवाओं के दिलों में जगाते हैं देशभक्ति का अलख
23 मार्च 1931 की रात भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को लाहौर षडयंत्र के आरोप में ब्रिटिश सरकार ने फांसी पर लटका दिया था, तभी से इन तीनों शहीदों की याद में 23 मार्च को शहीदी दिवस मनाया जाता है. शहीद भगत सिंह की 89 वीं पुण्यतिथि पर जानते हैं उनके 10 क्रांतिकारी विचार जो आज भी युवाओं के दिलों में देशभक्ति का अलग जगाने की प्रेरणा देते हैं
Revolutionary Quotes of Shaheed Bhagat Singh: गुलामी की बेड़ियों से देश को आजादी दिलाने के लिए अपने प्राणों को न्योछावर करने वाले भारत के वीर सपूतों को जब भी याद किया जाता है, उनमें भगत सिंह (Bhagat Singh) का नाम जरूर आता है. शहीद भगत सिंह (Shaheed Bhagat Singh) का नाम भारत के उन वीर क्रांतिकारियों में शामिल है, जिन्होंने मातृभूमि के लिए हंसते-हंसते अपना सबकुछ न्योछावर कर दिया. बता दें कि 23 मार्च 1931 की रात भगत सिंह (Bhagat Singh), सुखदेव (Sukhdev) और राजगुरु (Rajguru) को लाहौर षडयंत्र के आरोप में ब्रिटिश सरकार ने फांसी पर लटका दिया था, तभी से इन तीनों शहीदों की याद में 23 मार्च को शहीदी दिवस मनाया जाता है. भगत सिंह देश को जब फांसी हुई थी, तब उनकी उम्र महज 23 साल थी. आज भी उनके बलिदान को याद किया जाता है.
मातृभूमि के लिए ये उनका प्यार ही था कि वो महज 12 साल की उम्र में ही आजादी के आंदोलन में कूद पड़े. उन्होंने देश की आजादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई है, वो हर हाल में अंग्रेजों की गुलामी से देश को आजादी दिलाना चाहते थे. वो अपने क्रांतिकारी विचारों (Revolutionary Thoughts) के लिए जाने जाते हैं. चलिए शहीद भगत सिंह की 89 वीं पुण्यतिथि (Bhagat Singh Punyatithi) पर जानते हैं उनके 10 क्रांतिकारी विचार जो आज भी युवाओं के दिलों में देशभक्ति का अलग जगाने की प्रेरणा देते हैं.
1- मेरा एक ही धर्म है और वह है देश की सेवा करना.
2- क्रांति की तलवार तो सिर्फ विचारो की शान से तेज किए जाते हैं.
3- राख का हर कण मेरी गर्मी से गतिमान है, मै एक ऐसा पागल हूं जो जेल में होते हुए भी आजाद है.
4- मेरा जीवन महान लक्ष्य के लिए समर्पित है और वो है देश की आजादी, इसके अलावा दुनिया की कोई भी आकर्षक वस्तु मुझे नहीं लुभा सकती.
5- मेरे सीने में जो भी जख्म हैं वो सब तो फूलो के गुच्छे हैं, हमे तो पागल ही रहने दो हम पागल ही बनकर अच्छे हैं.
6- मेरी भावनाएं मेरी कलम से इस तरह रूबरू हैं, अगर मैं इश्क भी लिखना चाहूं तो हमेशा इन्कलाब लिखा जाता है.
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7- लिख रहा हूं अंजाम जिसका कल आगाज आएगा, मेरे लहू का एक-एक कतरा इन्कलाब लाएगा.
8- मरकर भी दिल से न निकलेगी वतन की उल्फत, मेरी मिट्टी से भी खुशबू वतन की ही आएगी.
9- व्यक्ति को कुचलकर मार सकते हैं, लेकिन उसके विचारो को नहीं मारा जा सकता.
10- क्रांति में सदैव संघर्ष हो यह जरूरी नहीं, क्योंकि यह बम और पिस्तौल की राह नहीं.
गौरतलब है कि भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 को अविभाजित पंजाब के लायलपुर (जो अब पाकिस्तान में स्थित है) में हुआ था. उनके पिता का नाम सरदार किशन सिंह और माता का नाम विद्यावती था. भगत सिंह के अंदर देशभक्ति की भावना बचपन से ही थी. जब उनकी उम्र 4 साल थी तब खेलते-खेलते उनके हाथ एक बंदूक लग गई और वो अपने खेत में गड्ढा खोदकर उसमें बंदूक गाड़ने लगे, तब उनके पिता सरदार किशन सिंह पूछा कि क्या कर रहे हो. पिता के सवाल का जवाब देते हुए भगत सिंह ने कहा बंदूकें बो रहा हूं, अंग्रेजों को देश से भगाना है'