Benefits of Sesame Oil: सर्दियों में संजीवनी साबित हो सकता है तिल का तेल! ये सेहत ही नहीं सौंदर्य का भी है रखवाला! जानें कैसे करें इस्तेमाल?
आयुर्वेदिक चिकित्सा जगत में तिल का तेल बहुपयोगी तत्व माना गया है. क्योंकि तिल के तेल में ओमेगा 3 और ओमेगा 6 फैटी एसिड्स प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. इसके अलावा इसमें उपस्थित एंटीऑक्सीडेट्स भी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं, इस तरह यह सेहत से लेकर सौंदर्य दोनों के लिए संजीवनी साबित हो सकता है.
आयुर्वेदिक चिकित्सा जगत में तिल का तेल बहुपयोगी तत्व माना गया है. क्योंकि तिल के तेल में ओमेगा 3 और ओमेगा 6 फैटी एसिड्स प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. इसके अलावा इसमें उपस्थित एंटीऑक्सीडेट्स भी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं, इस तरह यह सेहत से लेकर सौंदर्य दोनों के लिए संजीवनी साबित हो सकता है.
तिल के तेल की तासीर गर्म होती है, इसलिए सर्दी की शुरुआत होते ही तिल के तेल का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया जाना चाहिए. यह त्वचा में तो ग्लो लाता ही है, साथ ही तमाम शारीरिक व्याधियों से भी राहत दिलाता है. कुछ आयुर्वेदिक दवाइयों में तिल का तेल अथवा तिल के बीजों का भी इस्तेमाल किया जाता है. कहीं यह पावडर, तो कहीं पेस्ट के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है. आइये जाने तिल के तेल की कुछ ही बूंदें आपकी किन-किन समस्याओं से छुटकारा दिला सकती हैं.
त्वचा (skin) में निखार लाने के लिए
सर्दी शुरू होते ही त्वचा में रूखापन बढ़ने लगता है. अगर प्रतिदिन स्नान से एक घंटा पूर्व चेहरे पर तिल के तेल से हलके हाथों से मसाज (चेहरे को थपथपाना) करने से त्वचा को पोषण प्राप्त होता है, इससे त्वचा स्वस्थ रहने के साथ-साथ खिल उठती है, क्योंकि इसमें विटामिन ई प्रचुर मात्रा में होती है, जो त्वचा को अल्ट्रा वायलेट किरणों (UV Rays), प्रदूषण और टॉक्सिन्स से बचाता है.
बालों को मजबूत और रूसी मुक्त करता है
तिल का तेल बालों की हर समस्याओं से छुटकारा दिलाता है. ये बालों को भीतर से पोषित करके उनकी जड़ों को मजबूत बनाता है. अगर अगर बालों में रूसी की समस्या है तो तिल का तेल रात में लगा कर, अगले दिन बालों को धो लें. यह भी पढ़ें : Shocking! गूगल पर सर्च करने के बाद मां ने अपनी 3 महीने की बच्ची को दी दर्दनाक मौत, ऐसे उठा सच से पर्दा
वात रोग के लिए!
तिल के तेल में एंटी इन्फ्लामेट्री प्रॉपर्टीज (Anti Inflammatory Properties) यानी दर्द कम करने की शक्ति होती है. तिल के तेल को गुनगुना गरम करके शरीर के जोड़ो पर हलके हाथों से मसाज करने से दर्द के साथ ही सूजन में भी कमी आती है. दांतों की पीड़ा होने पर प्रभावित जगह पर तिल का तेल लगाने से दर्द कम होता है.
पाचन क्रिया (digestion) सुचारु रखता है!
तिल के तेल में फाईबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जिससे शरीर की पाचन क्षमता दुरुस्त होती, और कब्जियत नहीं होती इसलिए सर्दी शुरू होते ही खाद्य पदार्थों में तिल के तेल का उपयोग शुरू कर देना चाहिए.
मिलती है अनिद्रा (insomnia) से मुक्ति
शोध के अनुसार रात्रि में सोने से पूर्व तिल के तेल की कुछ बूंदें (ठंडा नहीं) हथेली पर लेकर माथे पर हलके हाथों से मलकर सोने से अच्छी नींद आती है. लेकिन इस बात का ध्यान भी अवश्य रखें कि तिल के तेल का रोजाना अथवा बहुत ज्यादा इस्तेमाल नहीं होना चाहिए. यह नुकसान पहुंचा सकती