Amazing Customs of Holi: अजब-गजब है होली की ठिठोली! कहीं जलती है झोपड़ी तो कहीं चलती अश्लीलता की गोली!
भारत विविधताओं का देश है. यहां विभिन्न भाषाई, संस्कृति, रीति-रिवाज आदि मनाई जाती है. इसका असर यहां मनाए जाने वाले तीज-त्योहारों पर विशेष रूप से होली में देखने को मिलता हैं. यहां हम बात रंगों की अनूठी होली की बात करेंगे.
भारत विविधताओं का देश है. यहां विभिन्न भाषाई, संस्कृति, रीति-रिवाज आदि मनाई जाती है. इसका असर यहां मनाए जाने वाले तीज-त्योहारों पर विशेष रूप से होली में देखने को मिलता हैं. यहां हम बात रंगों की अनूठी होली की बात करेंगे. होली देश में भाई-चारे का संदेश देने एवं खुशियां बिखेरने वाला पर्व है. यह पर्व अपनी मस्ती और धूम धड़ाके के लिए दुनिया भर में मशहूर है. देश के हर प्रांत ही नहीं बल्कि हर गांवों में होली की अजब-गजब रीति रिवाज देखने को मिलती है. यहां हम कुछ ऐसे ही अनूठी होली की की बात करेंगे.
लठमार होली (ब्रज क्षेत्र)
स्थान: मथुरा, वृंदावन और बरसाना
यहां होली खेलने का तरीका शेष भारत से कुछ अलग होता है. होली के दिन पुरुष महिलाओं पर रंग फेंकते हैं, तो उन्हें रोकने के लिए महिलाएं उन पर लाठियों से प्रहार करती हैं. प्रत्योत्तर में पुरुष ढाल से आक्रमण को रोकते हैं और उन पर रंग फेंकते हैं. मान्यता है कि यह परंपरा भगवान कृष्ण एवं राधा के समय से चली आ रही है. यह भी पढ़ें :Holi & Holika-Dahan 2025: होलिका-दहन के दिन लगेगा भद्रा काल! जानें होलिका-दहन एवं होली खेलने का शुभ-मुहूर्त, क्यों मानते हैं भद्रा-काल को अशुभ?
शिमला की बर्फीली होली (हिमाचल प्रदेश)
स्थान: शिमला (हिमाचल प्रदेश)
शिमला में होली का विशेष आयोजन बर्फों के बीच होता है. लोग बर्फ पर रंग बिखेरकर, उस रंगीन बर्फ को एक दूसरे पर फेंकते हुए होली का आनंद उठता हैं. इस होली में भारी संख्या में पर्यटक उपस्थित होते हैं.
राजस्थानी होली (राजस्थान)
स्थान: राजस्थान
राजस्थान विशेषकर रामगढ़ और जोधपुर जैसी जगहों पर ‘दंगल होली’, का आयोजन होता है, जिसमें हाथी, घोड़े और बंदूक जैसी पारंपरिक वस्तुओं के साथ होली खेली जाती है. लोग एक-दूसरे पर रंग डालते हैं और लोक-संगीत पर झूमते नृत्य करते हैं.
होली के गाने और नृत्य (गुजरात)
स्थान: गुजरात
गुजरात में होली के अवसर पर भी डांडिया और गरबा जैसे पारंपरिक नृत्य होते हैं. यहां के लगभग हर शहरों में लोग एक-दूसरे के साथ रंग खेलते हुए नाचते-गाते हैं. गुजराती होली में नृत्य और संगीत का विशेष महत्व है. इस दिन ‘ढोल’ के साथ मनाते हैं.
काशी की न्यारी होली
काशी यानी वाराणसी की होली अपनी मस्ती के लिए दुनिया भर में विख्यात है. होली के दिन यहां लोग भंग की तरंग में डूबे होते है. जश्न का उफान उस वक्त शबाब पर होता है, जब लोग मैदागिन के टाउनहाल में जुटते हैं. यहां राजनेता से लेकर कवि, लेखक और संभ्रांत समाज के सभी लोग एकत्र होते हैं. कवि सम्मेलन. लय में आते-आते अश्लीलता की सारी हदें पार करती जाती हैं. ऐसी कोई शख्सियत नहीं, जो काशी के कवियों के निशाने पर नहीं आता हो.
मणिपुर में जलती है होली
मणिपुर में होली का पर्व 5 दिन तक चलता है, इसे यावल शंग के नाम से जाना जाता है. इस दिन लोग भगवान पाखंगबा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. सूर्यास्त के बाद लोग इस त्योहार की शुरुआत याओसांग मथबा नामक झोपड़ी जलाने की परंपरा से करते हैं. इसके बाद नकाथेंग परंपरा के तहत बच्चे घर-घर से दान लेते हैं. दूसरे और तीसरे दिन लड़कियां दान मांगती हैं. चौथे व पांचवे दिन एक दूसरे पर रंग लगाकर होली का पर्व मनाया जाता है.