113th Birth Anniversary of Balamani Amma Google Doodle: बालमणि अम्मा की 113वीं जयंती पर गूगल ने ख़ास डूडल बनाकर किया उन्हें याद
गूगल ने मंगलवार को प्रशंसित भारतीय कवयित्री बालमणि अम्मा की 113वीं जयंती पर उन्हें समर्पित एक विशेष डूडल बनाकर उन्हें याद किया. उन्हें मलयालम कविता की 'अम्मा' (माँ) और 'मुथस्सी' (दादी) के रूप में जाना जाता है. अम्मा 1987 में भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण जैसे विभिन्न पुरस्कारों और सम्मानों की प्राप्तकर्ता थीं...
गूगल ने मंगलवार को प्रशंसित भारतीय कवयित्री बालमणि अम्मा की 113वीं जयंती (113th Birth Anniversary of Balamani Amma) पर उन्हें समर्पित एक विशेष डूडल बनाकर उन्हें याद किया. उन्हें मलयालम कविता की 'अम्मा' (माँ) और 'मुथस्सी' (दादी) के रूप में जाना जाता है. अम्मा 1987 में भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण जैसे विभिन्न पुरस्कारों और सम्मानों की प्राप्तकर्ता थीं. 1965 में मुथासी के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार, 1995 में निवेद्यम के लिए सरस्वती सम्मान दिया गया. उनकी अन्य प्रसिद्ध रचनाएँ अम्मा, मज़ुविंते कथा (द स्टोरी ऑफ़ द एक्स) और संध्या थीं. अम्मा की कोई औपचारिक शिक्षा नहीं थी, और वह अपने मामा और उनके पुस्तकालय से बहुत प्रभावित थीं. उन्होंने अनुवाद सहित अन्य कार्यों के साथ कविताओं के 20 से अधिक संकलन प्रकाशित किए. यह भी पढ़ें: World Emoji Day 2022: क्यों मनाया जाता है विश्व इमोजी दिवस? जानें इसका रोचक इतिहास एवं इससे जुड़े कुछ रोचक तथ्य!
अम्मा के अन्य प्रभावों में वल्लथोल नारायण मेनन (Vallathol Narayana Menon), आधुनिक मलयालम के विजयी कवियों में से एक नलपत नारायण मेनन शामिल हैं. अम्मा ने मलयालम कवियों की बाद की पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा के रूप में काम किया है, जिसका एक प्रमुख उदाहरण अक्किथम अच्युतन नंबूथिरी (Akkitham Achuthan Namboothiri) है. कोच्चि अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक मेला उनके नाम पर लेखकों के लिए बालमणि अम्मा पुरस्कार के लिए नकद पुरस्कार देता है.
उनकी बेटी, कमला दास, एक प्रसिद्ध लेखिका भी हैं. दास की आत्मकथा एंटे कथा (माई स्टोरी) 20वीं सदी के भारतीय साहित्य में सबसे लोकप्रिय और प्रसिद्ध कृतियों में से एक है.