'युवा सत्याग्रह समिति' लड़ेगी छात्र समस्या की लड़ाई, युवा लाठी से डरने वाले नहीं: प्रशांत किशोर

बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द कराने की मांग को लेकर पटना के गांधी मैदान में आमरण अनशन पर बैठे जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने रविवार को कहा कि बिहार में एक नया संगठन युवा सत्याग्रह समिति बनी है.

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पटना, 5 जनवरी : बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द कराने की मांग को लेकर पटना के गांधी मैदान में आमरण अनशन पर बैठे जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने रविवार को कहा कि बिहार में एक नया संगठन युवा सत्याग्रह समिति बनी है. उन्होंने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि इसमें सभी पार्टी और विचारधारा के छात्र हैं.

पटना के गांधी मैदान में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह समिति 51 सदस्यीय है, जो सिर्फ बीपीएससी ही नहीं, बल्कि बिहार में छात्रों की हर समस्या की लड़ाई लड़ेगी. उन्होंने कहा कि ये अब सिर्फ जन सुराज का आंदोलन नहीं रहा. उन्होंने कांग्रेस के नेता राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव को भी न्योता देते हुए कहा कि वे आएं और इस आंदोलन का नेतृत्व करें, प्रशांत किशोर उनके पीछे चलने के लिए तैयार है. उन्होंने भाजपा के लोगों से भी इसका नेतृत्व करने की अपील करते हुए कहा कि उससे हमको कोई एतराज नहीं है. यह भी पढ़ें : Kishtwar Road Accident: किश्तवाड़ में वाहन खाई में गिरा, चार लोगों की मौत और दो लापता

उन्होंने कहा, "अब यह किसी पार्टी राजद, जदयू, भाजपा, प्रशांत किशोर का अभियान नहीं है. यह सिर्फ छात्रों का अभियान है. इस पूरे समिति में 51 सदस्य होंगे. ऐसे में अगर आप प्रशांत किशोर को गिरफ्तार भी कर लीजिएगा तो भी यह 51 साथी यहां पर डटे रहेंगे और अनशन जारी रहेगा." जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा कि ये युवा अब लाठी से डरने वाले नहीं हैं. सरकार अगर अड़ी हुई है तो युवा भी अड़े हुए हैं कि हम आपको मनाए बगैर मानेंगे नहीं. बिहार के युवाओं ने तय कर लिया है कि बिहार के हर लोगों के हक की आवाज बनकर लड़ेंगे, किसी से डरेंगे नहीं.

प्रशांत किशोर ने आह्वान किया, "बिहार में अब तक जितने भी प्रदर्शन में शामिल लोगों पर लाठियां चली हैं और जिन लोगों ने लाठी खाई है, रोकर घर चले गए हैं, आइए, वापस आइए. इस गांधी मैदान में युवाओं के साथ खड़े हों. यह समय आ गया है अपने हक की आवाज एक जुट होकर बुलंद करने का." राजद नेता तेजस्वी यादव से जुड़े एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि जब तक वह आदमी युवाओं की बात कर रहा है, वह हमें कितना भी गाली दे, हमें कोई फर्क नहीं पड़ता.

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