यंग इंडिया केस: राहुल गांधी को झटका, 100 करोड़ के आयकर मामले की फिर शुरू होगी जांच

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. दरअसल आयकर ट्रिब्यूनल ने शुक्रवार को राहुल गांधी के यंग इंडिया को एक चैरिटेबल ट्रस्ट मानने से इनकार करते हुए आवेदन को खारिज कर दिया.

राहुल गांधी (Photo Credits- PTI/File)

नई दिल्ली: कांग्रेस (Congress) के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. दरअसल आयकर ट्रिब्यूनल ने शुक्रवार को राहुल गांधी के यंग इंडिया (Young India) को एक चैरिटेबल ट्रस्ट मानने से इनकार करते हुए आवेदन को खारिज कर दिया. कांग्रेस नेता ने यंग इंडिया को चैरिटेबल ट्रस्ट घोषित करने के लिए आवेदन दिया था, जिसे खारिज करते हुए न्यायाधिकरण ने अपने आदेश में कहा कि यह एक कमर्शियल संगठन है.

आयकर ट्रिब्यूनल ने कहा कि यंग इंडिया की गतिविधियों से यह कहीं नहीं लगता कि यह कोई चैरिटेबल ट्रस्ट है. इसकी गतिविधियां चैरिटेबल ट्रस्ट की श्रेणी में शामिल नहीं की जा सकती है. इसलिए टैक्स में छूट की मांग भी खारिज की जा रही है. माना जा रहा है कि यंग इंडिया के कमर्शियल संगठन घोषित होने के साथ ही राहुल गांधी के खिलाफ 100 करोड़ रुपये के पुराने आयकर मामले की जांच फिर से शुरू की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने चौकीदार चोर है पर राहुल गांधी के खिलाफ अवमानना का मामला किया बंद किया, भविष्य के लिए दी नसीहत

यह मामला कथित रूप से 2011-12 में यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (वाईआई) से अर्जित आय का खुलासा नहीं करने से जुड़ा हुआ है. राहुल गांधी और सोनिया गांधी यंग इंडिया के बड़े शेयरधारक हैं, जिसने एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड (एजीएल) का अधिग्रहण किया था. नेशनल हेराल्ड अखबार की मालिकाना कंपनी एजीएल है.

इससे पहले यंग इंडिया ने अदालत से 27 दिसंबर 2017 के नोटिस के अंतर्गत आयकर अधिनियम की धारा 156 के तहत वित्तीय वर्ष 2011-12 के लिए कर व 249.15 करोड़ रुपये के ब्याज वसूलने पर रोक लगाने की मांग की थी. कंपनी ने कहा था कि यह चैरीटेबल कंपनी है और कंपनी के पास कोई आय नहीं है और आयकर अधिकारियों ने 2011-12 के लिए गलत तरीके से 249 करोड़ रुपये की मांग की है.

दिल्ली हाई कोर्ट ने बीते साल यंग इंडिया के खिलाफ 249.15 करोड़ रुपये के आयकर मामले में 10 करोड़ रुपये जमा कराने के निर्देश दिए थे. बीजेपी नेता सुब्रमण्यमन स्वामी ने एजीएल के अधिग्रहण के मामले में 'धोखाधड़ी' की शिकायत दर्ज कराई थी.

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