अयोध्या भूमि खरीद मामला: UP में गरमाई सियासत, कांग्रेस ने BJP पर लगाया 'रामद्रोह' का आरोप, एक्शन में आई योगी सरकार

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण संबंधी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद नेताओं और अधिकारियों द्वारा वहां जमीन की खरीददारी का मुद्दा गरमाता जा रहा है. कांग्रेस ने बीजेपी पर भगवान राम के नाम पर अयोध्या में जमीनों की खरीद बिक्री में धोखेबाजी करने का आरोप लगाया है. वहीं, इस मामले पर अब योगी सरकार भी सक्रीय हो गई है.

यूपी सरकार करवाएगी अयोध्या में जमीन खरीदने के आरोपों की जांच (File Photo)

लखनऊ: अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर (Ram Mandir) निर्माण संबंधी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद नेताओं और अधिकारियों द्वारा वहां जमीन की खरीददारी का मुद्दा गरमाता जा रहा है. कांग्रेस ने बीजेपी पर भगवान राम के नाम पर अयोध्या में जमीनों की खरीद बिक्री में धोखेबाजी करने का आरोप लगाया है. वहीं, इस मामले पर अब योगी सरकार भी सक्रीय हो गई है. दरअसल अयोध्या भूमि सौदों में राज्य सरकार के कई मंत्रियों और अधिकारियों के रिश्तेदारों के नाम सामने आ रहे है, जिसके बाद यूपी सरकार ने जांच के आदेश दिए. विशेष सचिव (राजस्व) इस मामले की जांच कर एक सप्ताह में योगी सरकार को रिपोर्ट सौंपेंगे. खड़गे ने राज्यसभा में अयोध्या भूमि खरीद का मामला उठाने की कोशिश की

कांग्रेस ने बीजेपी पर भगवान राम के नाम पर अयोध्या में जमीनों की खरीद बिक्री में धोखेबाजी करने का आरोप लगाया है. पार्टी ने कहा ये साफ है कि बीजेपी के नेता अब 'रामद्रोह' कर रहे हैं. कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बुधवार को बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा, आज इस देश में भगवान राम के नाम पर जो बीजेपीई लूट चल रही है. जो भगवान को धोखा दे रहे हैं, वो इंसान को क्या छोड़ेंगे.

"भगवान राम के अयोध्या में बन रहे भव्य मंदिर के नाम पर चंदे की लूट और अब भगवान राम की अयोध्या नगरी में बीजेपीइयों द्वारा संपत्ति एकत्रित करने की लूट. ये साफ है कि बीजेपी के नेता अब रामद्रोह कर रहे हैं." उन्होंने कहा, "बीजेपी नेताओं द्वारा राम मंदिर ट्रस्ट को महंगी जमीनें बेच कर करोड़ों का मुनाफा कमाया गया. चंदे में हेरा-फेरी की गई. हमने देखा किस प्रकार से 5 मिनट में दो करोड़ रुपए की जमीन 18 करोड़ में राम मंदिर ट्रस्ट को बेच दी गई और चंदे की चोरी कर ली गई. जिसे करोड़ों भारतीयों ने आस्था के प्रति भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण के लिए दिया था."

20 लाख की जमीन ढाई करोड़ में बेचने का आरोप

सुरजेवाला ने दावा किया कि 20 लाख की जमीन ढाई करोड़ में राम मंदिर ट्रस्ट को बेच दी गई. साढ़े बारह सौ प्रतिशत मुनाफा मात्र 79 दिन में कमा लिया गया. जो जमीन 4 हजार रुपए योगी आदित्यनाथ सरकार ने कलेक्टर रेट पर रखी है, उसे राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट को 28,000 रुपए वर्ग मीटर के कलेक्टर रेट पर बेच डाला गया.

बीजेपी विधायकों, मेयर, अफसरों के जमीन सौदे में शामिल होने का आरोप

उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाते कहा, "राम मंदिर ट्रस्ट को न केवल निजी संपत्ति बल्कि सरकारी संपत्ति को निजी लोगों द्वारा बेच दिया गया और पैसा अर्जित कर लिया गया. और अब राम मंदिर अयोध्या नगरी में मंदिर के चारों तरफ बीजेपी के विधायकों, बीजेपी के मेयर, बीजेपी के आयोग के सदस्यों, बीजेपी के इनफॉर्मेशन कमिश्नर और आदित्यनाथ सरकार के आला अफसरों द्वारा संपत्तियों को औने-पौने दामों पर अर्जित कर ली गई है."

उन्होंने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी के वेद प्रकाश गुप्ता, एमएलए-अयोध्या, उनके भतीजे तरुण मित्तल द्वारा 20 हजार 34 स्क्वेयर मीटर जमीन 21 नवंबर, 2019 और 29 दिसंबर, 2020 को खरीदी गई.

"इसी तरह इंद्र प्रताप तिवारी, बीजेपी एमएलए, गोसाईगंज अयोध्या ने 2,593 स्क्वेयर मीटर जमीन 19 नवंबर, 2019 को खरीदी और उसके बाद इनके ब्रदर इन लॉ के द्वारा 6,320 स्क्वेयर मीटर जमीन 16 मार्च, 2021 को खरीदी गई."

"बीजेपी नेता और अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय, जिनके साले के द्वारा दो करोड़ की जमीन राम मंदिर ट्रस्ट को 5 मिनट में 18 करोड़ में बेची गई थी. उन्हीं के द्वारा 1,480 स्क्वेयर मीटर जमीन 18 सितंबर, 2019 को खरीदी गई."

"इसके साथ ही बलराम मौर्य, बीजेपी नेता और यूपी ओबीसी कमीशन के सदस्य ने 9,375 स्क्वेयर मीटर जमीन 28 फरवरी, 2020 को राम मंदिर की पेरीफ्री में खरीद ली."

"हर्षवर्धन शाही, जिसे योगी सरकार के दौरान इंफॉर्मेशन कमिश्नर लगाया है, लगभग 1,000 स्क्वेयर मीटर जमीन उनके और उनकी धर्मपत्नी के द्वारा 18 नवंबर, 2021 को मंदिर के साथ खरीद ली गई."

"एमपी अग्रवाल, डिविजनल कमिश्नर अयोध्या. पुरुषोत्तम दास गुप्ता, चीफ रेवेन्यू कमिश्नर अयोध्या, दीपक कुमार, डीआईजी अयोध्या और कई अन्य अधिकारियों द्वारा राम मंदिर के चारों तरफ वाली जमीन सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आते ही खरीद ली गई."

ट्रस्ट के नाम पर भी घपले का आरोप

सुरजेवाला ने ये भी आरोप लगाया कि बीजेपी के करीबी महेश योगी ने महर्षि रामायण विद्या पीठ ट्रस्ट के नाम से पहले 21 बीघा जमीन, जिसकी कीमत, साढ़े 9 करोड़ रुपए है, 25 लाख में ट्रस्ट के नाम करवा ली और फिर उसे भी अधिकारियों को बेच दिया गया. हम सबको मालूम है कि दलितों को आवंटित की गई जमीन सामान्य वर्ग का कोई व्यक्ति यूपी में नहीं खरीद सकता.

रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि इस पूरे मामले में मोदी सरकार और बीजेपी को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए कि दो करोड़ की जमीन 18 करोड़ में 5 मिनट में राम मंदिर ट्रस्ट को बेच दी गई. इस पूरे प्रकरण में विश्वसनीयता दांव पर लगी है.

संसद में उठा मुद्दा

वहीं, आज सुबह भी संसद में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी इस मुद्दे को उठाने की कोशिश की, लेकिन सभापति एम वेंकैया नायडू ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी. जिसके बाद हंगामा शुरू हो गया और थोड़ी देर बाद सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई.

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