उत्तर प्रदेश: योगी सरकार ने धन्नीपुर में मस्जिद के लिए दी जमीन, अयोध्या से दूर होने की वजह से मुस्लिम पक्षकार नाराज
योगी सरकार के इस फैसले से मुस्लिम पक्षकार नाखुश बताए जा रहे हैं. वहींअयोध्या में भी कई मुस्लिम इस फैसले से नाराज हैं.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ जमीन आवंटित की गई. कैबिनेट में अयोध्या मुख्यालय से 18 किलोमीटर दूर ग्राम धन्नीपुर, तहसील सोहावल रौनाही थाने के 200 मीटर पीछे 5 एकड़ जमीन सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को देने का फैसला किया गया. उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को बताया कि लखनऊ-अयोध्या हाईवे के नजदीक रौनाही पुलिस थाने से 200 मीटर दूर इस गांव में सरकार के मालिकाना हक वाली एक जमीन पर मस्जिद बनेगी.
योगी सरकार के इस फैसले से मुस्लिम पक्षकार नाखुश बताए जा रहे हैं. वहींअयोध्या में भी कई मुस्लिम इस फैसले से नाराज हैं. मुस्लिम पक्षकारों का कहना है कि शहर से लगभग 25 किलोमीटर दूर मस्जिद का कोई मतलब नहीं है. अयोध्या मामले में एक प्रमुख याचिकाकर्ता हाजी महबूब ने कहा, 'इतनी दूर जगह देने का क्या मतलब है. उन्होंने कहा कि यह जमीन अयोध्या में होनी चाहिए. दी गई भूमि अयोध्या से बहुत दूर है.
धन्नीपुर गांव में दी गई जमीन
मुस्लिम पक्षकारों ने कहा, हमने कहा था कि अगर जमीन आवंटित की जाती है तो वह अयोध्या के पास होनी चाहिए. अयोध्या नगर निगम के अंतर्गत आने वाला धन्नीपुर गांव, राम मंदिर के 14 किलोमीटर के दायरे से परे है. अयोध्या के बहुत से अन्य लोगों ने भी मस्जिद का स्थान शहर से दूर होने पर नाराजगी जताई. मुस्लिम दलों ने इस स्थान पर नाखुशी व्यक्त करते हुए कहा कि यह अयोध्या शहर से बहुत दूर है.
एक अन्य याचिकाकर्ता इकबाल अंसारी ने कहा कि उनसे संपर्क नहीं किया गया था. उन्होंने कहा कि मस्जिद के लिए जमीन अयोध्या में ही दी जानी चाहिए थी. बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक अफाक अहमद खान और शिया धर्मगुरु अजीम बाकरी ने भी मस्जिद के लिए अयोध्या से दूर जमीन चुनने का विरोध किया.