Year-Ender 2020: वो चीजें जो कभी ख्वाबों-खयालों में नही सोची थी इस साल घटी

2020 खत्म होने को है और 2021 में प्रवेश करने वाले हैं. लेकिन नए साल में प्रवेश करने से पहले अगर 2020 को देखें तो इस साल ऐसा बहुत कुछ हुआ जो शायद पहले कभी नहीं हुआ और न ही कभी किसी ने कल्पना की होगी. ऐसी ही कुछ दिलचस्प घटनाओं पर चर्चा करते हैं.

प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

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2020 खत्म होने को है और 2021 में प्रवेश करने वाले हैं. लेकिन नए साल में प्रवेश करने से पहले अगर 2020 को देखें तो इस साल ऐसा बहुत कुछ हुआ जो शायद पहले कभी नहीं हुआ और न ही कभी किसी ने कल्पना की होगी. ऐसी ही कुछ दिलचस्प घटनाओं पर चर्चा करते हैं.

 

लॉकडाउन

साल अभी शुरू ही हुआ था, सभी होली की खुमार में थे. तभी देश के कुछ हिस्सों में कोरोना कोरोना वायरस ने दस्तक देनी शुरू कर दी. जिसकी वजह से 24 मार्च को 21 दिनों के लिए पूरे देश को लॉकडाउन कर दिया गया. आजाद भारत के इतिहास में पहली बार लॉकडाउन लगा. इस तरह लॉकडाउन के कई चरणों के बाद देश की जरूरी गतिविधियां खोली गईं.

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ट्रेन-विमान के थम गए पहिए

लॉकडाउन के दौरान जहां लोगों को अपने घरों से बाहर निकलने पर प्रतिबंध हो गया. वहीं सभी परिवहन सेवाओं - सड़क, वायु, और रेल को निलंबित किया गया. लॉकडाउन की वजह से 48 दिन तक स्टेशन वीरान हो गए और पटरिया सूनी पड़ गईं. हालांकि बाद में जरूरी सामान और प्रवासी श्रमिकों के लिए कुछ स्पेशल ट्रेनों का परिचालन शुरू किया गया. लेकिन पहले जैसे ट्रेनों का बहाली अभी तक नहीं हो सकी है. इसी तरह विमान सेवाएं भी अनलॉक के बाद शुरू की गईं.

 

पीपीई किट

देश में जब कोरोना ने दस्तक दी तो इसे रोकने के लिए लॉकडाउन लगाया गया, जिसकी वजह विदेशों से आने वाले तमाम आवश्यक सामान भी भारत में पहुंचना बंद हो गया. तभी पहली बार भारत आत्मनिर्भर के मंत्र के साथ इतिहास में पहली बार चिकित्साकर्मियों के लिए जरूरी पीपीई किट का निर्माण देश में शुरू हुआ. जिस पिपिई किट के लिए भारत वर्षों से दूसरे देशों पर निर्भर है आज अपने देश में आपूर्ति करने के साथ ही जरूरी देशों को भी सप्लाई कर रहा है.

 

लंबे समय तक के लिए स्कूल बंद

आजाद भारत के इतिहास में पहली बार होली की छुट्टियों के बाद दीपावली (Diwali) तक स्कूल बंद रहे. हालांकि अब कोरोना प्रोटोकॉल के तहत कई राज्यों में स्कूल खोले जाने लगे हैं. इसके अलावा साल 2020 में देश में पहली बार लॉकडाउन के अवधि में ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा दिया गया.

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भारत में पहली बार सी प्लेन की सेवा केवड़िया में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी तथा साबरमती रिवरफ्रंट (Sabarmati River Front) को जोड़ने के लिए समुद्री विमान सेवा शुरू की गई. ये भारत में अपने आप में पहली सीप्लेन सेवा है. ये सी प्लेन सेवा फिलहाल साबरमती रिवरफ्रंट से केवड़िया (Kevadia) में मौजूद स्टैच्यू ऑफ यूनिटी तक है. सी प्लेन जमीन-पानी दोनों से उड़ान भर सकता है और जमीन पर लैंड कराया जा सकता है.

 

अंडमान निकोबार को ब्रॉडबैंड कनेक्‍ट‍िविटी मिली

आज़ाद भारत में पहली बार अंडमान निकोबार (Andaman Nicobar) द्वीप समूह को केबल के माध्‍यम से ब्रॉडबैंड कनेक्ट‍िविटी मिली. इस वर्ष चेन्नई एवं पोर्ट ब्लेयर को जोड़ने वाली सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) का काम पूरा हुआ. यह सबमरीन केबल पोर्ट ब्लेयर को स्वराज द्वीप (हैवलॉक), लिटल अंडमान, कार निकोबार, कामोर्टा, ग्रेट निकोबार, लॉन्ग आइलैंड और रंगट से जोड़ती है. इससे भारत के अन्य हिस्सों की तरह अंडमान एंड निकोबार द्वीप समूह को भी तेज एवं अधिक भरोसेमंद मोबाइल और लैंडलाइन टेलीकॉम सेवाएं मिलने लगी हैं. सबमरीन ओएफसी लिंक चेन्नई एवं पोर्ट ब्लेयर के बीच 2 x 200 गीगाबाइट प्रति सेकेंड (जीबीपी) और पोर्ट ब्लेयर एवं अन्य द्वीपों के बीच 2 x 100 जीबीपी की बैंडविड्थ प्रदान कर रहा है.

 

एक साल के भीतर कोई वैकसीन तैयार कर ली गई

अब तक भारत ही नहीं बल्क‍ि दुनिया में जितनी भी वैक्सीन बनीं उनके निर्माण में पांच से दस वर्ष लगे, कभी-कभी उससे भी ज्यादा. लेकिन कोरोना की वैक्सीन महज एक वर्ष के अंदर तैयार कर ली गई. यह वैज्ञानिकों की बड़ी उपलब्‍ध‍ि है, जो 2020 में हासिल हुई.

 

कई मिलियन लोगों ने एक साथ ताली, थाली, घंटे बजाये

22 मार्च को जनता कर्फ्यू के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के आह्वान पर पूरे भारत में लोगों ने ताली, थाली व घंटे एक साथ बजाये. कोरोना वॉरियर्स को धन्‍यवाद ज्ञापित करने व उन्‍हें सम्‍मान देने के लिए किया गया यह कार्य अपने आप में एक रिकॉर्ड है. इतनी बड़ी संख्‍या में लोगों ने कभी भी एक साथ थाली व घंटे नहीं बजाये.

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