कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने शुक्रवार को सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर 8 जुलाई के पंचायत चुनावों के लिए एससी/एसटी उम्मीदवारों के लिए आरक्षित सीटों पर सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों को मैदान में उतारने का आरोप लगाया.
अधिकारी ने सत्तारूढ़ पार्टी नेतृत्व पर प्रशासनिक अधिकारियों के एक वर्ग के सक्रिय समर्थन से फर्जी जाति प्रमाण पत्र का उपयोग करने का भी आरोप लगाया. Manipur Violence: राहत शिविरों में पीड़ितों से मिले राहुल गांधी, बोले- लोगों की दुर्दशा देख मेरा दिल टूट गया
अधिकारी ने ट्वीट किया, “मुझे आशंका है कि आगामी पंचायत चुनावों में एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों के लिए आरक्षित सीटों पर चुनाव लड़ने वाले टीएमसी उम्मीदवारों के एक बड़े वर्ग ने इन सीटों पर गलत तरीके से चुनाव लड़ने के लिए अपने दस्तावेजों में हेराफेरी की है या उन्हें विकृत किया है. यह घोटाला टीएमसी द्वारा भ्रष्ट राज्य सरकार के अधिकारियों के एक वर्ग के साथ मिलकर व्यवस्थित रूप से किया गया है.”
अधिकारी ने यह भी दावा किया कि वह पहले ही सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 6 के तहत राज्य लोक सूचना अधिकारी और राज्य चुनाव आयोग से जानकारी मांग चुके हैं.
यह पहली बार नहीं है कि विपक्ष के नेता ने इस तरह का आरोप लगाया है. 15 जून को उन्होंने इसी तरह का एक आरोप लगाया था, जिसमें उन्होंने राज्य प्रशासनिक मशीनरी के एक वर्ग पर पंचायत चुनाव लड़ने के लिए सत्तारूढ़ पार्टी के उम्मीदवारों को फर्जी जाति प्रमाणपत्र प्रदान करने का आरोप लगाया था.
उन्होंने एक ट्विटर संदेश में आरोप लगाया था, “बीसीडब्ल्यू (पिछड़ा वर्ग कल्याण और जनजातीय विकास) विभाग को पश्चिम बंगाल में एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों के लोगों के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विकास का काम सौंपा गया है. उनकी जिम्मेदारियों में जाति प्रमाणपत्र जारी करना और सेवाओं, पदों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण नियमों को लागू करना शामिल है. यह कदाचार मालदा सदर, बशीरहाट, चंचल और इस्लामपुर उप-मंडलों में व्यापक रूप से किया जा रहा है.”