इंफाल: मणिपुर में पिछले 58 दिनों से जारी हिंसा का दौर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. इस बीच हिंसा प्रभावित पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर के दौरे पर आए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने शुक्रवार को जातीय हिंसा के कारण प्रभावित लोगों से मिलने के लिए मणिपुर के मोइरांग पहुंचे. कांग्रेस नेता राहुल गांधी सुबह करीब साढ़े नौ बजे इंफाल से हेलिकॉप्टर से मोइरांग पहुंचे और दो राहत शिविरों में कई प्रभावित लोगों से मुलाकात की और उनकी समस्याएं सुनीं. बता दें कि बीते दिन सड़क रास्ते से मोइरांग जा रहे राहुल को सुरक्षा कारणों से रोक दिया गया था, जिसके बाद आज कांग्रेस नेता हेलीकॉप्टर से प्रभावित लोगों के कैंप पहुंचे.
रहत शिविरों में पीड़ितों से मिलने के बाद राहुल गांधी ने कहा, 'मणिपुर को शांति की जरूरत है क्योंकि हिंसा किसी भी समाधान का रास्ता नहीं है. कांग्रेस नेता ने कहा, ''मैं मणिपुर में हूं और राज्य में शांति बहाल करने के लिए जो कुछ भी करना होगा करने के लिए तैयार हूं.''
मणिपुर को शांति चाहिए:
#WATCH | Congress leader Rahul Gandhi after meeting Manipur Governor, says "Manipur needs peace. I want peace to be restored here. I visited some relief camps, there are deficiencies in these relief camps, the government should work for this" pic.twitter.com/SResQRpajw
— ANI (@ANI) June 30, 2023
राहुल गांधी ने राहत शिविरों की कमियों को भी उजागर किया. पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 'मैं चाहता हूं कि यहां शांति बहाल हो. मैंने कुछ राहत शिविरों का दौरा किया, इन राहत शिविरों में कमियां हैं, सरकार को इसके लिए काम करना चाहिए."
राहुल गांधी ने मणिपुर के लिए की अपील
राहुल गांधी ने अपने इंस्टाग्राम के एक पोस्ट में लिखा, 'मणिपुर में हिंसा के कारण अपने प्रियजनों और घरों को खोने वाले लोगों की दुर्दशा को देखना और सुनना दिल तोड़ देने वाला अनुभव है. मैं जिस भी भाई, बहन और बच्चे से मिला, उसके चेहरे पर मदद की पुकार थी. मणिपुर को अब सबसे महत्वपूर्ण चीज शांति की जरूरत है. हमारे लोगों के जीवन और आजीविका को सुरक्षित करने के लिए हमें अब एकजुट होना चाहिए.
पार्टी के सूत्रों ने बताया कि जिन दो शिविरों को राहुल ने दौरा किया, वहां करीब 1000 लोग रहते हैं. राहुल गांधी के साथ मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह, पार्टी महासचिव (संगठन) के.सी. वेणुगोपाल, पीसीसी अध्यक्ष कीशम मेघचंद्र सिंह और पूर्व सांसद अजय कुमार थे.
राहुल गांधी ने नागरिक समाज संगठन ‘कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑन मणिपुर इंटीग्रिटी’ (सीओसीओएमआई), मणिपुर में नागा समुदाय की शीर्ष संस्था ‘यूनाइटेड नागा काउंसिल’, ‘शेड्यूल्ड ट्राइब डिमांड कमेटी’ के प्रतिनिधियों और जेएनयू के प्रोफेसर बिमोल ए. सहित प्रमुख हस्तियों से मुलाकात की.
मणिपुर में नहीं थम रही हिंसा
मणिपुर के कंगपोकपी जिले में सुरक्षा बलों और संदिग्ध दंगाइयों के बीच गोलीबारी में घायल हुए एक और व्यक्ति ने अस्पताल में दम तोड़ दिया, जिससे घटना में जान गंवाने वालों लोगों की कुल संख्या शुक्रवार को बढ़कर तीन हो गई. हथियारों से लैस दंगाइयों ने गुरुवार को हरओठेल गांव में गोलीबारी की थी.
गौरतलब है कि मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के बीच मई की शुरुआत में भड़की जातीय हिंसा में 120 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं.
मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है. वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और यह मुख्यत: पर्वतीय जिलों में रहती है.