पश्चिम बंगाल के सवर्णों को ममता सरकार का तोहफा, सरकारी नौकरी और शिक्षा में मिलेगा 10 फीसदी आरक्षण

संसदीय मामलों के मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा, यह एक ऐतिहासिक फैसला है. आर्थिक रूप से कमजोर तबके से जुड़े होने को परिभाषित करने के लिए कई कारक हैं. जल्द जारी होने वाले सरकारी आदेश में इन विवरणों का उल्लेख किया जाएगा. ममता सरकार ने औपचारिक तौर पर इसकी घोषणा की है, इस बिल पर लिखित आदेश आना अभी बाकी है.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Photo Credits: IANS)

पश्चिम बंगाल में मचे सियासी बवाल के बीच सीएम ममता बनर्जी ने बड़ा चुनावी दांव खेलते हुए सूबे में आर्थिक आरक्षण लागू करने की घोषणा की है. ममता बनर्जी की सरकार ने सरकारी नौकरी में सवर्णों के लिए 10% आरक्षण देने का ऐलान किया गया. केंद्र में मोदी सरकार द्वारा इसी तरह के प्रस्ताव को मंजूरी देने के छह महीने बाद यह फैसला हुआ है. इसका लाभ उन लोगों को मिलना है, जिनकी आय सालाना आठ लाख रुपए से कम होगी. इस बिल के पीछे ममता सरकार का कहना है कि इससे सभी लोगों को एक साथ आने का अवसर मिलेगा.

बता दें कि संसदीय मामलों के मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा, यह एक ऐतिहासिक फैसला है. आर्थिक रूप से कमजोर तबके से जुड़े होने को परिभाषित करने के लिए कई कारक हैं. जल्द जारी होने वाले सरकारी आदेश में इन विवरणों का उल्लेख किया जाएगा. ममता सरकार ने औपचारिक तौर पर इसकी घोषणा की है, इस बिल पर लिखित आदेश आना अभी बाकी है. उसके साथ ही तब नियम और शर्तों की विस्तृत जानकारी दी जाएगी.

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पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के बाद से ही घमासान मचा है. एक तरफ जहां मामता बनर्जी हैं तो दूसरी तरफ बीजेपी मैदान में है, ऐसे में जीत को बरकार रखने के लिए बीजेपी लगातार अपनी पैठ को मजबूत करने के इरादे से बंगाल में लगी हुई है. गौरतलब हो लोकसभा चुनाव का समय नजदीक ऐसे मामता बनर्जी भी किसी भी हाल में अपनी पकड़ कमजोर होने नहीं देना चाहती हैं. यही कारण है कि ममता और केंद्र सरकार के बीच तनातनी बरकरार है.

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