नई दिल्ली, 21 मार्च: सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने रविवार को कहा कि वह इस बात की जांच कर रहा है कि पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा पर एक खेत में मिले चीनी ड्रोन का इस्तेमाल ट्रांस-के लिए किया जा रहा था या नहीं. बीएसएफ के साउथ बंगाल फंट्रियर कमांड के अधिकारियों ने बताया कि उत्तर 24 परगना में बीएसएफ सीमा चौकी कल्याणी से सटे गांव पुरबापारा के एक किसान को भारत-बांग्लादेश सीमा के पास एक खेत में चीन निर्मित एक टूटा हुआ ड्रोन मिला, जिसके बाद बीएसएफ सुरक्षा बढ़ाया गया है. जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती का बड़ा बयान, कहा- भाजपा देश को एक और विभाजन की ओर ले जा रही
अधिकारियों ने कहा कि ड्रोन को किसान ने 19 मार्च की शुरुआत में अंतर्राष्ट्रीय सीमा से सिर्फ 300 मीटर दूर एक खेत में पाया था. उन्होंने कहा कि किसान ने टूटे हुए ड्रोन को उठाया और स्थानीय पेट्रापोल पुलिस थाने के अधिकारियों को सौंप दिया.
ड्रोन के बरामद होने की सूचना के बाद, कल्याणी चौकी से बीएसएफ की एक टीम ने और सबूत खोजने के लिए मौके का दौरा किया, लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला और मामले की सूचना स्थानीय पुलिस को दी गई.
दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के बीएसएफ अधिकारियों ने कहा कि कल्याणी चौकी के अधिकारियों ने ड्रोन के बारे में और जानकारी हासिल करने के लिए आसपास के गांवों में भी पूछताछ की.
उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान के साथ भारत की पश्चिमी सीमा पर तैनात बीएसएफ और अन्य जैसी केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां, हथियार, गोला-बारूद और ड्रग्स ले जाने या निगरानी करने वाले ड्रोन के उभरते खतरे से जूझ रही हैं, यह शायद पहली बार था जब एक ड्रोन बांग्लादेश के साथ पूर्वी सीमा पर पाया गया था.
बीएसएफ भारत-बांग्लादेश सीमा के कुल 4,096 किलोमीटर की सुरक्षा करती है, जिसमें पश्चिम बंगाल में इसका दायरा 2,217 किलोमीटर है.