West Bengal: दिलीप घोष की दुर्गा टिप्पणी को लेकर बंगाल की सियासत में उबाल, जुबानी जंग तेज

भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष की देवी दुर्गा पर हालिया टिप्पणी से चुनावी राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस द्वारा भगवा ब्रिगेड में शब्दों की जंग छिड़ गई है.

दिलीप घोष (Photo Credits: ANI)

कोलकाता, 14 फरवरी : भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष (Dilip Ghosh) की देवी दुर्गा पर हालिया टिप्पणी से चुनावी राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) द्वारा भगवा ब्रिगेड में शब्दों की जंग छिड़ गई है. शुक्रवार को यहां आयोजित एक जनसंवाद में घोष ने कहा था कि भगवान राम एक सम्राट हैं और लोग उन्हें 'अवतार' मानते हैं. उन्होंने कहा, हम राम के पूर्वजों के नाम जानते हैं. क्या हम देवी दुर्गा के पूर्वजों के बारे में जानते हैं? नहीं न? इसलिए राम को आदर्श राजा, मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में माना जाता है. यहां बंगाल में हमारे पास रामायण का बंगाली संस्करण भी है जैसा रामचरित मानस है.

इस बयान से तृणमूल कांग्रेस ने इसे बंगाली आबादी की धार्मिक भावनाओं का 'अपमान' करार देते हुए गंभीर मौखिक युद्ध शुरू कर दिया है. तृणमूल कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल (Twitter handle) पर जारी बयान में कहा गया है, यह अकल्पनीय है. दिलीप घोष ने बंगाल की पवित्र मिट्टी पर देवी दुर्गा का अपमान किया है. जहां लोग शक्ति और प्रेरणा के प्रतीक मां के रूप में देवी की पूजा करते हैं, वहां हिंदुत्व के मुक्तिरक्षक होने का दावा करने वाले लोग अब देवी दुर्गा का अपमान कर रहे हैं. यह भी पढ़ें : West Bengal: पीएम मोदी पश्चिम बंगाल में परिवर्तन रैली के समापन से पहले कोलकाता में करेंगे रैली

तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा सांसद अभिषेक बनर्जी ने शनिवार को दक्षिण 24 परगना जिले में एक रैली में भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि भगवा पार्टी 'जय श्रीराम' कहती है न कि 'जय सिया राम' क्योंकि इनके मन में महिलाओं का कोई सम्मान नहीं है. घोष के दुस्साहस पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री के भतीजे ने कहा कि जब बंगाल में कोई बालिका पैदा होती है तो लोग उसे देवी मां बुलाते हैं. महिलाओं का अनादर मां दुर्गा का अनादर है.

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