नई दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के अधीन आने वाला दिल्ली जल बोर्ड भले ही शुद्ध पेयजल की आपूर्ति करने का दावा करे, लेकिन भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की जांच रिपोर्ट के अनुसार, देश की राजधानी में नल के माध्यम से आपूर्ति किया जाने वाला पानी पीने लायक नहीं है. उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान (Ram Vilas Paswan) ने गुरुवार को यहां एक प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि दिल्ली जल बोर्ड द्वारा आपूर्ति किया जाने वाला पानी बीआईएस के मानकों के अनुसार, पीने लायक नहीं है, दिल्ली में 11 जगहों से लिए गए पानी के नमूने की जांच बीएसआई के लैब में किए जाने पर कुछ जगहों का पानी 42 मानकों में से 12, 13 व 14 मानकों पर विफल पाए गए हैं. उन्होंने बताया कि इन शहरों से पानी के नमूने एकत्र करने के लिए टीमें जा चुकी हैं और चार दिन पहले से ही नमूने एकत्र करने का काम शुरू हो गया है.
उन्होंने कहा, "हम चाहते हैं कि हमारा मानक (पेयजल की शुद्धता के मामले में) अंतर्राष्ट्रीय मानक के समान हो जो अभी नहीं है." उन्होंने कहा कि बीआईएस की जो रिपोर्ट आई है उसके अनुसार पीने का पानी सही नहीं है। उन्होंने कहा, "यह कोई केंद्र सरकार का मामला नहीं है, बल्कि जलबोर्ड का मामला है. (दिल्ली) जल बोर्ड के चेयरमैन केजरीवाल को आपत्ति है, कई राज्यों और स्थानीय निकायों को भी आपत्ति हो सकती है. इसमें किसी के ऊपर आरोप-प्रत्यारोप की बात नहीं है। हमारा सिर्फ इतना कहना है कि गरीब लोग जो पानी पीते हैं वह शुद्ध हो. यह भी पढ़े: दिल्ली-एनसीआर में जारी है रिमझिम बारिश, हथिनी कुंड बैराज से छोड़े गए पानी से मंडराने लगा है बाढ़ का खतरा
पानी के नमूने विफल पाए जाने की रिपोर्ट आने पर पासवान ने दिन में इस मसले पर विचार करने के लिए एक बैठक बुलाई थी, जिसमें उपभोक्ता मंत्रालय के अधिकारियों के साथ-साथ बीएसआई, दिल्ली जलबोर्ड, दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) और जल शक्ति मंत्रालय के अधिकारियों ने हिस्सा लिया. दिल्ली में शुद्ध पेयजल मुहैया करवाने के दावे को लेकर आईएएनएस के एक सवाल पर पासवान ने बताया, "जलबोर्ड के अधिकारियों ने 100 नमूने की जांच करवाई गई जिसमें पानी शुद्ध पाया गया है तो हमने कहा कि उन्हीं नमूनों में से 25 नमूने दे दीजिए हम उनकी जांच बीआईएस के माध्यम से करवा लेंगे.
बीएसआई के अनुसार, दिल्ली में 11 जगहों से लिए गए पानी के नमूने में पीएच-लेवल, घुले हुए ठोस कण और गंध व अन्य घटकों की जांच की गई जिनके मानकों के आधार पर ये नमूने किसी न किसी स्तर पर विफल पाए गए. पासवान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2024 तक देश में हर घर में नल लगाने और स्वच्छ व शुद्ध पानी मुहैया करवाने का लक्ष्य रखा है। इसी के मद्देजनर देश के सभी राज्यों की राजधानी समेत 100 स्मार्ट सिटी की योजना के अंतर्गत आने वाले शहरों में पीने के पानी की शुद्धता की जांच की जा रही है. उन्होंने शुद्ध पानी मुहैया करवाना अनिवार्य बनाने पर बल दिया. पासवान ने कहा, "हम चाहते हैं कि शुद्ध पानी मुहैया करवाना अनिवार्य हो। क्योंकि इसके बाद अशुद्ध पानी मुहैया करने पर जलबोर्ड, एनडीएमसी व अन्य संगठन के खिलाफ कार्रवाई की जा सकेगी.