VIDEO: गुजरात में 71 डिग्री तक गर्म हुई सड़क! गर्मी में आसमान से बरस रही 'आग', देखें चौंकाने वाला वीडियो

डामर वाली सड़क पर जब थर्मामीटर रखा गया तो पारा 71 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा! जी हां, आपने सही सुना - 71 डिग्री! इतनी गर्मी में तो खाने का तेल भी जलने लगे.

धूप का प्रकोप, लू की तपिश, पारा चढ़ता जा रहा है और शहर एक तंदूर बनता जा रहा है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस चिलचिलाती धूप में अलग-अलग जगहों का तापमान कितना होता होगा? दूरदर्शन की टीम ने एक अनोखे प्रयोग के ज़रिए इस सवाल का जवाब ढूंढा है और नतीजे चौंकाने वाले हैं.

कल्पना कीजिए, आप गाड़ी से जा रहे हैं और आपके पैरों तले सड़क मानो आग उगल रही हो! दूरदर्शन टीम ने जब डामर वाली सड़क पर थर्मामीटर रखा तो पारा 71 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा! जी हां, आपने सही सुना - 71 डिग्री! इतनी गर्मी में तो खाने का तेल भी जलने लगे.

अब सोचिए, वहीं पास में अगर सीमेंट कंक्रीट (RCC) की सड़क हो तो क्या फर्क पड़ेगा? टीम ने जब वहां तापमान मापा तो थर्मामीटर ने 64.6 डिग्री सेल्सियस का आंकड़ा छुआ. यानी राहत तो मिली, लेकिन यह राहत भी बस सांत्वना भर ही थी.

अब आखिर में उस जगह की कल्पना कीजिए जहां हर कोई जाना चाहता है - पेड़ की छांव! टीम ने जब पेड़ की घनी छाया में तापमान मापा तो थर्मामीटर ने 39.9 डिग्री सेल्सियस का आंकड़ा दिखाया. यानी तपती सड़क और पेड़ की छाया में 30 डिग्री से भी ज़्यादा का अंतर!

यह प्रयोग हमें एक ज़रूरी संदेश देता है. एक ओर जहाँ डामर और सीमेंट के जंगल हमारे शहरों को भट्टी बना रहे हैं, वहीं दूसरी ओर पेड़ हमें जीवनदायिनी शीतलता प्रदान करते हैं. यह समय सोचने का है कि हम अपने शहरों को कैसे बनाना चाहते हैं - कंक्रीट के जंगल या फिर हरे-भरे पेड़ों से सजे सुहावने बाग? चुनाव हमारे हाथ में है.

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