महिलाओं को हथियार की जरुरत नहीं, अन्य करेंगे उनकी रक्षा: वेंकैया नायडू

उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा (Rajya Sabha) के सभापति एम वेंकैया नायडू (M Venkaiah Naidu) द्वारा संसद में दिया एक बयान विवाद का कारण बन गया है. उन्होंने मंगलवार को राज्यसभा में दो महिला सांसदों के शस्त्र (संशोधन) विधेयक-2019 पर चर्चा कराने की मांग पर कहा कि महिलाओं को इसकी जरुरत नहीं है और दूसरे लोग उनकी रक्षा करेंगे.

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा (Rajya Sabha) के सभापति एम वेंकैया नायडू (M Venkaiah Naidu) द्वारा संसद में दिया एक बयान विवाद का कारण बन गया है. उन्होंने मंगलवार को राज्यसभा में दो महिला सांसदों के शस्त्र (संशोधन) विधेयक-2019 (Arms Amendment Bill, 2019) पर चर्चा कराने की मांग पर कहा कि महिलाओं को इसकी जरुरत नहीं है और दूसरे लोग उनकी रक्षा करेंगे.

सभापति वेंकैया नायडू ने शस्त्र (संशोधन) विधेयक-2019 पर चर्चा के दौरान कहा "मेरी राय में, महिलाओं को शस्त्र (Firearms) की आवश्यकता नहीं होती है, अन्य लोग आपकी रक्षा करेंगे." हालांकि उन्होंने चर्चा के लिए आवंटित समय समाप्त होने के बाद भी दो महिला सांसदों में से एक को बोलने की अनुमति दी. जिसके बाद बीजेपी सांसद रूपा गांगुली (Roopa Ganguly) ने कहा कि वह बचपन से ही शूटिंग का आनंद ले रही है. उपराष्ट्रपति वेकैंया नायडू ने कहा- न्याय देने में लगातार देरी भी नहीं होनी चाहिए नहीं तो..

उल्लेखनीय है कि लोकसभा में सोमवार को शस्त्र (संशोधन) विधेयक 2019 ध्वनि मत से पारित किया गया. इस विधेयक में प्रत्येक व्यक्ति के लिए लाइसेंसी हथियारों की संख्या कम करने और कानून के उल्लंघन पर जुर्माने की राशि बढ़ाने का प्रावधान है. विधेयक का उद्देश्य गैरकानूनी हथियारों से होने वाले अपराधों पर अंकुश लगाने के साथ कानून के उल्लंघन पर प्रभावी रोक लगाना है.

शस्त्र (संशोधन) विधेयक 2019 शस्त्र अधिनियम 1959 में संशोधन के तौर पर लाया गया है. इसमें शस्त्र लाइसेंस की अवधि को तीन साल से बढ़ाकर पांच साल करने और इलेक्ट्रॉनिक रूप में हथियार लाइसेंस जारी करने का प्रावधान है.

विधेयक में शामिल प्रावधानों के अनुसार जो लोग अवैध हथियार के निर्माण, बिक्री, तस्करी और निर्यात के कामों में शामिल हैं, उन्हें सात साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा दी जाएगी. इसके साथ ही प्रतिबंधित हथियार और गोला-बारूद रखने की सजा पांच से 10 साल से बढ़ाकर सात से 14 साल तक कर दी गई है. जबकि नक्सल इलाकों में पुलिस से हथियार छीनने या चोरी करने से संबंधित मामलों में आजीवन कारावास का भी प्रावधान है.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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