VHP राम मंदिर के लिए तेज करेगी आंदोलन, सासंदों का जुटाएगी समर्थन
वीएचपी के सदस्य अब देश के प्रमुख शहरों में जाकर बैठक करेंगे. इसके साथ ही साधू और संत लोगों को प्रचार के माध्यम से मंदिर की जरूरतों के बारे में समझायेंगे
नई दिल्ली: अयोध्या राम मंदिर मामले पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई जनवरी पहले हफ्ते तक के लिए टलने के बाद विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) राम मंदिर के निर्माण के लिए तेज
अभियान करने की योजना बना रही है. इसके लिए विहिप अब अगल-अलग पार्टियों के सांसदों से मुलाकात कर उनका समर्थन जुटाने की कोशिश कर सकते हैं. इसके साथ दिसंबर महीने से 'अध्यात्मिक प्रचार' भी शुरू करने वाली है.
नवभारत टाइम्स की खबर के मुताबिक, वीएचपी के सदस्य अब देश के प्रमुख शहरों में जाकर बैठक करेंगे. इसके साथ ही साधू और संत लोगों को प्रचार के माध्यम से मंदिर की जरूरतों के बारे में समझायेंगे. विहिप के कार्यवाहक अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा था कि, सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर राम-जन्मभूमि मामले की सुनवाई 2019 तक के लिए स्थगित कर दी है. अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए संसद में कानून पास करवाने की हम अपनी मांग फिर दोहराते हैं. उन्होंने कहा "संसद का शीतकालीन सत्र आगे है, जिसमें यह कार्य किया जा सकता है.
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बता दें कि विवादित मंदिर के निर्माण को लेकर संघ परिवार के अंदर से ही आवाजें तेज होने लगी हैं. खबरों के मुताबिक अब बीजेपी भी चाहती है कि जल्द से जल्द मंदिर का निर्माण काम शुरू हो जाए. वहीं एक तरफ सरकार पर विपक्षी पार्टियां अध्यादेश या कानून बनाकर मंदिर निर्माण के लिए दबाव डाल रही हैं. ऐसे में सरकार पर दबाव बढ़ता नजर आ रहा है.
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शिवसेना का बयान
शिवसेना ने कहा था कि अयोध्या मामले में अदालत कुछ नहीं करेगी. शिवसेना सांसद संजय राउत ने इस मामले की सुनवाई अगले वर्ष जनवरी तक टालने पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा था, "हमने 25 वर्ष पहले अदालत से पूछ कर मंदिर नहीं गिराई थी. हमारे हजारों कारसेवकों ने अदालत से पूछ कर अपनी जान नहीं गंवाई थी. हमने अयोध्या आंदोलन शुरू करने से पहले अदालत की इजाजत नहीं ली थी. उन्होंने कहा, "हम अयोध्या में राम मंदिर चाहते हैं. हम पाकिस्तान या करांची में राम मंदिर बनाने की मांग नहीं कर रहे हैं. हमारी मांग भगवान राम के अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की है.