Maharashtra: गरबा खेलने वालों पर गोमूत्र छिड़का जाएगा': VHP ने जारी की एडवाइजरी, Aadhar card और तिलक किया अनिवार्य
22 सितंबर से शुरू हो रहे नवरात्रि से पहले, महाराष्ट्र में गरबा आयोजनों को लेकर विवाद छिड़ गया है. विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने आयोजकों के लिए सख्त दिशानिर्देश जारी किए हैं
Maharashtra VHP Garba Advisory: 22 सितंबर से शुरू हो रहे नवरात्रि से पहले, महाराष्ट्र में गरबा आयोजनों को लेकर विवाद छिड़ गया है. विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने आयोजकों के लिए सख्त दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिसके तहत गरबा पंडाल में केवल हिंदुओं को ही प्रवेश (Garba Pandal Entry Rules) की अनुमति होगी. VHP नेता प्रशांत तित्रे ने नागपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि इस बार गरबा पंडालों में केवल हिंदुओं को ही एंट्री मिलेगी. प्रवेश द्वार पर हर एक व्यक्ति का आधार कार्ड चेक (Garba Aadhar Card Check) किया जाएगा.
पंडाल में प्रवेश करने से पहले तिलक लगाना, हाथ पर पवित्र धागा बांधना और देवी की पूजा करना अनिवार्य होगा. इसके अलावा, भक्तों पर गोमूत्र का छिड़काव (Gomutra in Garba) भी किया जाएगा.
ये भी पढें: VIDEO: फिल्मी स्टाइल में अपहरण! गरबा प्रैक्टिस से बेटी को किया किडनैप, पिस्टल की नोक पर उठा ले गए घरवाले
हिंदू संगठन के कार्यकर्ता करेंगे निगरानी
बजरंग दल (Bajrang Dal) और विश्व हिंदू परिषद (Vishwa Hindu Parishad) ने निर्देश दिया है कि प्रवेश द्वार पर भगवान विष्णु के वराह अवतार (Varaha incarnation of Lord Vishnu) की एक तस्वीर लगाई जाए और भक्तों को पहले उसकी पूजा करनी होगी. विहिप का कहना है कि ये कदम "लव जिहाद (Love Jihad)" जैसी घटनाओं को रोकने और धार्मिक पवित्रता बनाए रखने के लिए उठाए गए हैं. हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं को पंडालों की निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
सत्तारूढ़ BJP और विपक्ष में छिड़ी बहस
सत्तारूढ़ भाजपा (BJP) ने इस आदेश पर विहिप का समर्थन किया है. पार्टी नेताओं का कहना है कि परंपराओं और सांस्कृतिक मूल्यों के संरक्षण की दिशा में यह एक जरूरी कदम है. हालांकि, विपक्षी कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव गुट) ने इसका कड़ा विरोध किया है.
कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार (Congress leader Vijay Wadettiwar) ने कहा कि यह समाज को बांटने के इरादे से किया गया एक राजनीतिक कदम है. संजय राउत (Sanjay Raut) ने आरोप लगाया कि विहिप का एकमात्र उद्देश्य धार्मिक माहौल को उग्र बनाना है, जो महाराष्ट्र और देश दोनों के लिए खतरनाक है.