मुंबई. बिजली का झटका जोर से लगे तो जान खतरे में पड़ जाती है. लेकिन अगर करंट की जगह बिजली का बिल झटका देने लगे तो क्या होगा ?. फिर ऐसी लापरवाही मौत की वजह बन सकती है. एक ऐसा ही चौकाने वाला मामला सामने आया है. महाराष्ट्र राज्य के औरंगाबाद शहर में बिजली वितरक कंपनी के एक अधिकारी की लापरवाही के कारण सब्जी बेचने वाले शख्स ने खुदकुशी कर ली. इस सब्जी बेचने वाले शख्स को 8 लाख 64 हजार रुपये का बिजली का बिल भेजा गया था. इतना ज्यादा बिल देखकर भागिनाथ शेलके परेशान हो गया और अंत में उसने अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली.
जगन्नाथ नेहाजी शेलके को जब 8 लाख 64 हजार रुपये का बिजली का बिल मिला तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई. जिसे लेकर शेलके ने कई बार औरंगाबाद के महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी के दफ्तर में शिकायत की. लेकिन सिर्फ निराशा के अलावा उन्हें कुछ नहीं मिला. लगातार कोशिश के बाद जब शेलके की किसी ने न सुनी तो वो काफी परेशान रहने लगा. जिसके बाद जगन्नाथ नेहाजी शेलके (36) ने गुरुवार तड़के फांसी लगाकर कथित रूप से आत्महत्या कर ली. शेलके ने एक सुसाइड नोट लिखा था जिसमें उसने महाराष्ट्र राज्य बिजली वितरण कंपनी को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया.
वहीं इस घटना के बाद बिजली विभाग ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए ड्यूटी में कथित लापरवाही बरतने के लिये कंपनी के लेखा सहायक सुशील काशीनाथ को निलंबित कर दिया. दूसरी तरफ सुसाइड नोट मिलने के बाद पुंडलिक नगर पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया है. लेकिन अब सवाल यह उठता है कि अगर बिजली वितरण कंपनी के जिम्मेदार अधिकारी अपना काम ध्यानपूर्वक करते तो शायद जगन्नाथ नेहाजी शेलके को आत्महत्या न करनी पड़ती.