Vedanta Lanjigarh Red Mud Pond: ओडिशा में वेदांता एल्यूमिनियम जल भंडारण सिस्टम फेल! हर तरफ लाल कीचड़ फैला, रेड मड का वीडियो वायरल
वेदांता एल्यूमिनियम ने कहा कि इस रिसाव से 'रेड मड' भंडारण सुविधा को कोई नुकसान नहीं हुआ है. 'रेड मड' एल्यूमिना के उत्पादन के दौरान उत्पन्न एक बायप्रोडक्ट है, जो कि एल्कलाइन होता है और रिसाव या ओवरफ्लो के कारण इसके दूषित होने का खतरा रहता है.
Vedanta Alumina Unit Water Storage Breach : ओडिशा (Odisha) में स्थित वेदांता एल्यूमिनियम यूनिट की एक जल भंडारण सुविधा में रविवार को एक बड़ा रिसाव हो गया, जिससे क्षेत्र की कृषि भूमि पर इसका असर पड़ा. यह जल, जिसे 'प्रोसेस वाटर' कहा जाता है, आमतौर पर उद्योग, मैन्युफैक्चरिंग और पावर जनरेशन में उपयोग किया जाता है. इस घटना ने स्थानीय किसानों और पर्यावरण को चिंता में डाल दिया है.
क्या है प्रोसेस वाटर?
प्रोसेस वाटर वह पानी है, जिसका उपयोग उद्योगों और उत्पादन इकाइयों में किया जाता है. इसमें विभिन्न रसायन और अन्य तत्व होते हैं, जो सीधे तौर पर पर्यावरण और कृषि भूमि के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं.
रेड मड से कोई नुकसान नहीं
वेदांता एल्यूमिनियम ने एक बयान में कहा कि इस रिसाव से 'रेड मड' भंडारण (Vedanta Lanjigarh Red Mud Pond) सुविधा को कोई नुकसान नहीं हुआ है. 'रेड मड' एल्यूमिना के उत्पादन के दौरान उत्पन्न एक बायप्रोडक्ट है, जो कि एल्कलाइन होता है और रिसाव या ओवरफ्लो के कारण इसके दूषित होने का खतरा रहता है. इसे संभालने के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने कड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं.
कैसे हुई यह घटना? घटना के दृश्य बताते हैं कि प्रोसेस वाटर रिसकर चट्टानी क्षेत्र में बह गया. बड़ी मात्रा में कीचड़ युक्त पानी खुली जमीनों और पेड़ों के बीच से बहता हुआ देखा गया. वेदांता एल्यूमिनियम के अनुसार, इलाके में असामान्य रूप से भारी बारिश के कारण जल भंडारण प्रणाली में ओवरफ्लो हो गया.
तुरंत शुरू की गईं सुरक्षा और सुधारात्मक उपाय
कंपनी ने कहा कि इस रिसाव से किसी को चोट नहीं आई है और न ही किसी मवेशी को नुकसान हुआ है. उन्होंने तुरंत सुरक्षा और रोकथाम के उपाय शुरू कर दिए हैं. कंपनी ने यह भी कहा कि इस घटना से उनकी मौजूदा परिचालन व्यवस्था पर कोई असर नहीं पड़ा है, और उनका रिफाइनरी प्लांट सभी नियामक आवश्यकताओं का पालन करते हुए चल रहा है.