वाराणसी पुल हादसा: 18 की मौत, चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर समेत 4 अधिकारी सस्पेंड; जांच कमिटी गठित
चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर समेत 4 अधिकारी निलंबित (Photo Credits: IANS)

लखनऊ: वाराणसी में कैंट स्टेशन के पास निर्माणाधीन पुल का हिस्सा गिरने के बाद योगी सरकार एक्शन में दिखाई दे रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जांच के आदेश के बाद इस प्रोजेक्ट से जुड़े चीफ मैनेजर समेत चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया. वहीँ हादसे की जांच के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की तीन सदस्यीय एक टीम गठित की है, जो 48 घंटे में रिपोर्ट सौंपेगी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कल शाम 4 बजे यह हादसा हुआ. राहत बचाव दल ने मलबे के निचे से अबतक 18 शव निकाले है. पुल की चपेट में आने से करीब दो दर्जन से ज्यादा लोग घायल हुए है. हादसे के बाद चारों तरफ चीख-पुकार और अफरा-तफरी मच गई. निर्माणाधीन पिलर के नीचे चार कारें, पांच ऑटो, एक सिटी बस और कई मोटरसाइकिल दब गई.

जिले के अधिकारियों ने मृतकों की संख्या बढ़ने का अंदेशा जताया है. राहत व बचाव कार्य जारी है, मौके पर तमाम अधिकारियों समेत एनडीआरएफ की सात टीमें मौजूद है. फ्लाईओवर का निर्माण उत्तर प्रदेश स्टेट ब्रिज कारपोरेशन करवा रहा था.

इससे पहले मुख्यमंत्री योगी ने वाराणसी हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को 5-5 लाख तथा घायलों को 2-2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की. उन्होंने पुलिस, स्वास्थ्य व जिला प्रशासन को हादसा प्रभावितों की हर संभव सहायता देने के निर्देश दिए हैं.

मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन, लोक निर्माण विभाग तथा अन्य संबंधित विभागों को बचाव एवं राहत कार्य युद्धस्तर पर चलाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने तत्काल उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और मंत्री नीलकंठ तिवारी को घटनास्थल पर जाने को कहा है.

मिडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कैंट में रोडवेज बस स्टेशन के नजदीक बन रहे इस पुल का स्लैब निर्माण के समय किसी भारी वाहन की टक्कर के बाद हिल गया था. जिसके बाद छतिग्रस्त पिलर्स को ठीक नहीं किया गया और खामीयों  को छिपाने के लिए बैरियर लगाकर भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई. माना जा रहा है की यूपी राज्य सेतु निगम के अफसरों की इसी लापरवाही के चलते इतना बड़ा हादसा हुआ.