विरोध के बाद रेलवें ने घटाया ‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ का किराया, जानें अब कितने रुपये का होगा आपका टिकट
शुक्रवार से देश में बनी पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस पटरियों पर दौड़ने लगेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस इंजनरहित ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन से रवाना करेंगे.
नई दिल्ली: शुक्रवार से देश में बनी पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) पटरियों पर दौड़ने लगेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस इंजनरहित ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन से रवाना करेंगे. लेकिन देश की सबसे तेज ट्रेन शुरू होने से पहले ही अपने बेहिसाब किराए को लेकर विवादों में आ गई है. विरोध बढता देख अब रेलवें ने अपने पैर पीछे खींच लिए है और टिकटों का प्रस्तावित किराया घटाने का ऐलान किया है.
रेलवे ने मंगलवार को वंदे भारत एक्सप्रेस के प्रस्तावित किराये को कम करने की घोषणा की. अब किराये को तर्कसंगत बनाते हुए रेलवे ने दिल्ली-वाराणसी सफर के लिए वातानुकूलित कुर्सीयान का किराया 1850 रूपये की जगह 1760 रूपये, जबकि एक्जीक्यूटिव श्रेणी का किराया 3520 रूपये की जगह 3310 रूपये करने की बात कही है.
रेलवे के एक आदेश में कहा गया है कि वापसी की यात्रा में कुर्सी यान के टिकट का किराया 1700 रूपये होगा और एक्जीक्यूटिव श्रेणी का किराया 3,260 रूपये पड़ेगा. दोनों किराये में कैटरिंग का शुल्क भी शामिल है. हालांकि अभी चेयर कार का किराया उतनी ही दूरी तय करने वाली शताब्दी ट्रेनों के किराये से 1.4 गुना ज्यादा है और एक्जीक्यूटिव क्लास का किराया प्रीमियम ट्रेन में वातानुकूलित प्रथम श्रेणी के किराये से 1.3 गुना अधिक है. जिस वजह से यात्रियों ने रेलवें के फैसले का विरोध करना शुरू कर दिया था.
वंदे भारत एक्सप्रेस में यात्रियों के लिए खाद्य पदार्थ उनके टिकट का हिस्सा होगा. यानी वह इसे विकल्प की तौर पर ‘चुन या हटा’ नहीं सकते हैं, जैसा कि शताब्दी, राजधानी और दुरंतो एक्सप्रेस में होता है. एक अधिकारी के मुताबिक स्टेशनों के बीच कैटरिंग शुल्क तय कर दिया गया है और यह सभी यात्रियों के टिकट शुल्क में जोड़ा जाएगा.
हाल ही में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्रेन 18 को वंदे भारत एक्सप्रेस नाम दिया था. उसे चेन्नई के इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में तैयार किया गया है. यह दिल्ली राजधानी मार्ग के एक खंड पर परीक्षण के दौरान 180 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक की रफ्तार हासिल कर भारत की सबसे तीव्र ट्रेन बन गई है.