
नई दिल्ली: मंगलवार को हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश मंत्रालय (MEA) ने पाकिस्तान को लेकर बड़ा और स्पष्ट बयान दिया. MEA के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और इस मुद्दे पर भारत की नीति स्पष्ट और अडिग है. पाकिस्तान को पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) से अपना अवैध कब्जा हटाना ही पड़ेगा. उन्होंने दो टूक कहा, “जम्मू-कश्मीर से जुड़ा कोई भी मुद्दा केवल भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय स्तर पर सुलझाया जाएगा. इसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं हो सकती.”
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कोई नया रुख नहीं, वर्षों पुरानी नीति पर कायम है भारत
विदेश मंत्रालय ने साफ किया कि यह भारत की पुरानी और स्थायी नीति है, जो आज भी पूरी तरह वैध और लागू है. MEA प्रवक्ता ने कहा, “भारत का एकमात्र मुद्दा पाकिस्तान से है और वो है अवैध रूप से कब्जाए गए भारतीय क्षेत्रों को खाली कराना.”
इस बयान से एक बार फिर यह स्पष्ट हो गया कि भारत किसी भी अंतरराष्ट्रीय दबाव या मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करेगा, चाहे वह किसी भी देश या संगठन से क्यों न आए.
पीओके पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ रहा भारत का दावा
हाल के वर्षों में भारत ने पीओके को लेकर अपनी स्थिति और मजबूत की है. संसद में पहले ही पीओके को भारत का हिस्सा बताया जा चुका है, और सरकार कई बार कह चुकी है कि भविष्य में पीओके को भारत में मिलाने का प्रयास किया जाएगा.
विदेश मंत्रालय का ताजा बयान इस दिशा में एक और मजबूत कदम माना जा रहा है, जो अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी यह संदेश देता है कि भारत अब कूटनीति के साथ-साथ सख्त रुख अपनाने को तैयार है.
कश्मीर मुद्दे पर स्पष्ट संदेश
VIDEO | Delhi: Addressing a press conference, MEA spokesperson Randhir Jaiswal (@MEAIndia) says, “... Any issue pertaining to the Union territory of the Jammu and Kashmir has to be addressed by India and Pakistan bilaterally; that policy has not changed. The outstanding matter… pic.twitter.com/sqGHmU4C8e
— Press Trust of India (@PTI_News) May 13, 2025
पाकिस्तान को भी मिल गया स्पष्ट संकेत
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए भारत ने पाकिस्तान को एक बार फिर याद दिला दिया है कि जम्मू-कश्मीर पर फिजूल की बयानबाजी या वैश्विक मंचों पर मुद्दा उठाने से कुछ नहीं होगा. अब वक्त है कि पाकिस्तान अपने कब्जे वाले कश्मीर को खाली करे, ताकि भविष्य में कोई स्थायी समाधान निकल सके.
कश्मीर भारत का था, है और रहेगा
भारत ने अपने रुख को एक बार फिर सख्ती से दुनिया के सामने रखा है. कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है और रहेगा. पीओके पर पाकिस्तान का कब्जा अवैध है और यही वास्तविक समाधान की शुरुआत है. विदेश मंत्रालय की यह दो टूक भाषा न सिर्फ पाकिस्तान को चेतावनी है, बल्कि दुनिया को भी यह संदेश है कि भारत की संप्रभुता से कोई समझौता नहीं होगा.