Uttarkashi Tunnel Rescue: टनल से कब बाहर आएंगे 41 मजदूर? पुराना प्लान फेल होने के बाद बढ़ सकता है इंतजार

दिवाली के दिन से उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सुरंग में कैद 41 श्रमिक बाहर निकले की उम्मीद लगाए हैं. रेस्क्यू का आज 14वां दिन है.

Tunneling Expert Arnold Dix | PTI

उत्तरकाशी: दिवाली के दिन से उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सुरंग में कैद 41 श्रमिक बाहर निकले की उम्मीद लगाए हैं. रेस्क्यू का आज 14वां दिन है. निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में 12 नंवबर से फंसे 41 श्रमिकों को निकालने के लिए ऑगर मशीन से ड्रिलिंग के दौरान बार-बार आ रही बाधाओं के कारण रेस्क्यू अभियान रूक रहा है. इस बीच सिलक्यारा सुरंग में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है. श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए सुरंग के ढहे हिस्से में की जा रही ड्रिलिंग अब मशीनों से नहीं होगी. जो बचाव प्रयासों के लिए एक और झटका है.

इस बीच उत्तराखंड के सीएम पीएस धामी सिल्कयारा सुरंग में चल रहे बचाव अभियान का जायजा लेने के लिए उत्तरकाशी पहुंचे. रेस्क्यू साइट पर पहुंचे सीएम धामी ने टनल में जाकर निरीक्षण किया. Uttarkashi Tunnel Rescue: उम्मीद का एक और दिन, अब मैनुअली होगी बची हुई 9 मीटर ड्रिलिंग.

ऑगर मशीन से अब नहीं होगा कोई काम

सिलक्यारा सुरंग बचाव अभियान पर अंतरराष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ, अर्नोल्ड डिक्स (Arnold Dix) ने कहा, "इसके कई तरीके हैं. यह सिर्फ एक ही रास्ता नहीं है. फिलहाल, सब कुछ ठीक है. अब ऑगरिंग नहीं देख पाएंगे. ऑगर खत्म हो गया है. बरमा (मशीन) टूट गई है. उन्होंने बताया कि बरमा से अब कोई काम नहीं होगा और कोई नया बरमा नहीं होगा.

माइक्रो टनलिंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स ने उत्तरकाशी में सिल्क्यारा टनल में फंसे 41 लोगों के बचाव प्रयासों पर भरोसा जताया. उन्होंने फंसे हुए व्यक्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की प्राथमिकता पर जोर दिया. डिक्स ने आश्वासन दिया कि बाधाओं के बावजूद, टीम कई विकल्प तलाश रही है और क्रिसमस तक 41 श्रमिक बाहर निकल आएंगे.

देखें टनलिंग विशेषज्ञ ने क्या कहा:

हाथ से की जा सकती है ड्रिलिंग

दरअसल सुरंग के भीतर ऑगर मशीन को भारी नुकसान पहुंचा है. मशीन का बरमा भीतर ही अटक गया है. फिलहाल वर्टिकल ड्रिल की तैयारी तेज कर दी गई है. ऑपरेशन सिलक्यारा में आई बाधा से 14 दिन से सुरंग में कैद मजदूरों में निराशा बढ़ गई है. इस बीच बचावकर्ता हाथ से ड्रिलिंग करने के विकल्प पर विचार कर रहे हैं. अधिकारी ने बताया कि ऐसे में हाथ से ड्रिलिंग करने पर विचार किया जा रहा है लेकिन इसमें समय अधिक लगता है.

चारधाम यात्रा मार्ग पर बन रही सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था, जिससे उसमें काम कर रहे श्रमिक मलबे के दूसरी ओर फंस गए थे. तब से विभिन्न एजेंसियां उन्हें बाहर निकालने के लिए युद्धस्तर पर बचाव अभियान चला रही हैं.

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