Uttarakhand Glacier Burst: उत्तराखंड हादसे में मृतकों के परिजनों को 4 लाख देगी राज्य सरकार, प्रधानमंत्री राहत कोष से 2 लाख की मदद
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत व पीएम मोदी (Photo Credits FB/PIB)

उत्तराखंड के चमोली जिले में रविवार को ग्लेशियर फटने (Glacier Burst) से आई तबाही के बाद 150 से ज्यादा लोग लापता हो गये हैं. जिन्हें ढूढ़ने के लिए आईटीबीपी, एनडीआरएफ, सेना की तरफ से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान अब तक 10 लोगों के शव को बरामद किया जा चुका है. वहीं हादसे के बाद उत्तराखंड के साथ ही पूरे देश में मातम है. हर कोई इस हादसे पर अपनी संवेदना व्यक्त कर रहा है. इस बीच हादसे में मारे गए परिवार वालों को आर्थिक मदद के लिए उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) ने 4-4 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है.

ग्लेशियर की घटना के बाद परिवार वालों के मदद के लिए प्रधानमंत्री की तरफ से भी मदद के लिए ऐलान हुआ हैं. सरकार ने हादसे में जान गवाने वाले पीड़ित परिवार को प्रधानमंत्री राहत कोष से 2-2 लाख रूपये और घायल को 50 हजार  देने  बारे में घोषणा की हैं. वहीं इसके पहले प्रधानमंत्री खुद इस घटना पर दुःख जताते हए ट्वीट किया, उन्होंने कहा, उत्तराखंड में दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति की हम लगातार निगरानी कर रहे हैं. पूरा देश, उत्तराखंड के साथ खड़ा है और सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता है. यह भी पढ़े: Uttarakhand Glacier Burst: सीवरेज लाइनों, बिजली के खंभों आदि से रहें दूर, NDRF ने जारी की डूज और डोंट्स की लिस्ट

पीएम राहत कोष से 2-2 लाख रुपये की मदद:

उत्तराखंड  की इस घटना को लेकर राज्य के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि चमोली में ग्लेशियर टूटने की घटना क्यों हुई, अभी इसका कारण पता नहीं चल सका है यह काम विशेषज्ञों का है और वही पता लगाएंगे, अभी सरकार की प्राथमिकता राहत एवं बचाव कार्य पर है. रावत ने कहा कि सवा सौ के करीब लोगों के मिसिंग होने का अनुमान है. लेकिन सही आंकड़े के बारे में बता पाना अभी मुश्किल है.

बता दें की गंगा नदी के छह स्रोतों में से एक धौलीगंगा नदी में जलस्तर बढ़ने के बाद यह घटना घटित हुए. जिसके बाद  ऋषि गंगा में करीब सुबह 10.45 बजे अचानक बाढ़ आ गई. इस बीच एक ग्लेशियर के गिरने और तेजी से पानी की धारा चलने से ऋषि गंगा हाइड्रो प्रोजेक्ट पूरी तरह तहस-नहस हो गया. जैसे ही ऋषि गंगा की मुलाकात रेनी गांव के पास धौलीगंगा से हुई. वैसे ही दूसरी नदी में भी बाढ़ आ गई.  बाढ़ में गांव के पांच से छह घर भी बह गए और तपोवन के पास धौली गंगा नदी पर एनटीपीसी की एक परियोजना पूरी तरह तहस-नहस हो गई. (इनपुट एजेंसी के साथ)