लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सिंचाई मत्री धर्मपाल सिंह का दावा है कि तमिलनाड़ु, कर्नाटक और महाराष्ट्र के बाद उत्तर प्रदेश में भी अब सूखा प्रभावित क्षेत्रों में कृत्रिम वर्षा कराई जाएगी. उन्होंने कहा कि इस बड़ी समस्या का समाधान आईआईटी कानपुर ने कर दिया है. अधिकारियों का दावा है कि 5.5 करोड़ रुपये में 1000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में कृत्रिम बारिश कराई जा सकेगी. इसकी शुरुआत बुंदेलखंड से की जाएगी.
योगी सरकार ने सूखा प्रभावित जिलों में कृत्रिम बारिश कराने की तैयारी कर ली है. इसकी तकनीक आईआईटी कानपुर ने विकसित की है.
सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया, "मानसून खत्म होने के बाद बुंदेलखंड से कृत्रिम बारिश प्रोजेक्ट की शुरुआत होगी. सरकार ने इस तकनीक को चीन से खरीदने की कोशिश की मगर बात नहीं बनी. हालांकि, शुरुआत में चीन इस तकनीक को 11 करोड़ रुपये में देने को तैयार हो गया था, लेकिन बाद में इनकार कर दिया."
सिंह ने बताया कि इस बड़ी समस्या का समाधान आईआईटी कानपुर ने कर दिया है. 5.5 करोड़ रुपये में 1000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में कृत्रिम बारिश कराई जा सकेगी.
दरअसल, आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञ सरकार के सामने क्लाउड-सीडिंग (कृत्रिम बारिश) तकनीक का प्रजेंटेशन दे चुके हैं. क्लाउड-सीडिंग में प्राकृतिक गैसों का इस्तेमाल किया जाता है.
इसके लिए आईआईटी कानपुर ने हेलीकॉप्टर समेत तमाम उपकरणों की खरीद भी कर ली है. कृत्रिम वर्षा करने के लिए हेलीकॉप्टर की मदद ली जाएगी.