नई दिल्ली: उन्नाव गैंगरेप पीड़िता (Unnao Gang rape Victim) को इलाज के लिए दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल (Safdarjung Hospital) लाया गया है. प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के निर्देश पर पीड़िता को एयरलिफ्ट (Airlift) कर दिल्ली पहुंचाया गया है. इलाज के लिए पीड़िता को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ले जाने के लिए लखनऊ पुलिस ने सिविल अस्पताल से अमौसी एयरपोर्ट तक ग्रीन कॉरिडोर (Green Corridor) बनाया. अस्पताल से लेकर एयरपोर्ट तक ग्रीन कॉरिडोर में ट्रैफिक पुलिस के जवान मुस्तैद रहे. पीड़िता को बंदरिया बाग और अर्जुनगंज होते हुए शहीद पथ रास्ते से एयरपोर्ट पहुंचाया गया. एएसपी ट्रैफिक पूर्णेदु सिंह ने बताया कि दुष्कर्म पीड़िता को एम्बुलेंस के जरिए एयरपोर्ट रवाना किया गया और उसे ले जाने में काफी सावधानी बरती गई.
जब पीड़िता एयरलिफ्ट के जरिए दिल्ली पहुंची, तो उसको एयरपोर्ट से सफदरजंग पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया. पीड़िता को एयरपोर्ट से एंबुलेंस के जरिए महज 18 मिनट में एयरपोर्ट से सफदरजंग अस्पताल तक 13 किलोमीटर की दूरी तय करके पहुंचाया गया. बता दें कि कॉरिडोर की यह सुविधा बैंगलुरू, कोच्चि, चेन्नई, मुंबई, दिल्ली समेत कई अन्य शहरों में दी जा चुकी है.
दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल लाई गई उन्नाव रेप पीड़िता-
The ambulance carrying Unnao rape survivor covered a distance of 13 kms from the airport to Safdarjung hospital in 18 minutes. https://t.co/Xzk4cto5GY
— ANI (@ANI) December 5, 2019
पीड़िता को लखनऊ के सिविल अस्पताल से अमौसी एयरपोर्ट पहुंचाने में 100 ट्रैफिक पुलिस कर्मी लगे. उसके साथ एएसपी ट्रैफिक-1, सीओ ट्रैफिक-1, टीआई-3, टीएसआई-12, हेड कांस्टेबल-20, ट्रैफिक सिपाही- 33 और होमगार्ड-30 लगाए गए. 90 प्रतिशत से ज्यादा जल चुकी पीड़िता की हालत बेहद नाजुक बताई जा रही है. लखनऊ के सिविल अस्पताल के डॉक्टरों की राय के बाद प्रशासन ने अब उसे दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में भर्ती कराया है.सिविल अस्पताल के निदेशक डॉ. डीएस नेगी के मुताबिक, पीड़िता का शरीर 90 फीसद तक जल चुका है और उसकी हालत बेहद नाजुक है. यह भी पढ़ें: उन्नाव में रेप पीड़िता को जिंदा जलाने की घटना को लेकर प्रियंका गांधी का योगी पर बड़ा हमला, कहा-कानून व्यवस्था पर झूठी बयानबाजी कर रही यूपी सरकार
उधर, घटना के बाद राष्ट्रीय महिला आयोग ने यूपी के डीजीपी ओ.पी. सिंह से इस मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. इसमें पीड़िता के केस दर्ज करवाने की तारीख से अब तक की कार्रवाई का ब्योरा मांगा गया है. साथ ही यह भी पूछा गया है कि दुष्कर्म पीड़िता को सुरक्षा नहीं देने पर किन अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. महिला आयोग ने डीजीपी से उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ पिछले 3 साल में हुए जघन्य अपराधों और उनमें दी गई जमानतों की रिपोर्ट भी तलब की है. आयोग की तरफ से कहा गया है कि रिपोर्ट जल्द से जल्द भेजें.
खबरों के मुताबिक, पीड़िता जलने के बाद एक किलोमीटर तक मदद के लिए भागी थी और उसने खुद ही पुलिस को कॉल भी किया था. पीड़िता के बयान को अस्पताल में मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कर लिया गया है और मामले में पांच आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है. गौरतलब है कि पीड़िता के साथ मार्च महीने में गैंगरेप किया गया था. इस मामले में पांच आरोपियों में से तीन आरोपी जेल में सजा काट रहे थे, लेकिन जेल से छूटने के बाद आरोपियों ने पीड़िता को जिंदा जलाने की कोशिश की.
(आईएएनएस इनपुट के साथ)