Hathras Gangrape Case: हाथरस कथित सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले में साजिश की जांच करेगी स्पेशल टास्क फोर्स
उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स अब हाथरस की घटना में कथित साजिश और उसके बाद हुए घटनाक्रमों की जांच करेगा. उत्तर प्रदेश और दिल्ली पुलिस को मिली खुफिया रिपोटरें के अनुसार, जिले में दलित महिला के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के बाद योगी आदित्यनाथ सरकार की छवि को धूमिल करने के लिए क्षेत्र में जातिगत संघर्ष पैदा करने की कोशिश की गई थी.
लखनऊ, 22 अक्टूबर: उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (STF) अब हाथरस की घटना में कथित साजिश और उसके बाद हुए घटनाक्रमों की जांच करेगा. उत्तर प्रदेश और दिल्ली पुलिस को मिली खुफिया रिपोटरें के अनुसार, जिले में दलित महिला के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के बाद योगी आदित्यनाथ सरकार की छवि को धूमिल करने के लिए क्षेत्र में जातिगत संघर्ष पैदा करने की कोशिश की गई थी. उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) हितेश चंद्र अवस्थी ने गुरुवार को पुष्टि की कि हाथरस मामले की जांच का एक हिस्सा उप्र एसटीएफ को सौंपा जा रहा है.
एक टीम का गठन एएसपी-रैंक के अधिकारी के अंतर्गत की गई है. वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि गैरकानूनी विरोध-प्रदर्शन और सोशल मीडिया पर घृणा फैलाने के संबंध में दर्ज किए गए सभी 19 एफआईआर, जिनमें से हाथरस में छह और बाकी बिजनौर, बुलंदशहर, लखनऊ, प्रयागराज, मथुरा, शामली और सहारनपुर में दर्ज कराए गए थे, उनकी जांच एसटीएफ करेगी. इसके अलावा यह टीम सरकार को बदनाम करने के लिए भीड़ एकत्र करने के लिए फंडिंग और इससे जुड़ी साजिशों की रिपोटरें पर भी गौर करेगी.
अधिकारी ने कहा, "एसटीएफ, विवाद पैदा करने के लिए फर्जी खबरों के प्रसार और संपादित तस्वीरों को साझा करने की भी जांच करेगी." पुलिस ने कहा कि कुछ विशिष्ट समूहों ने घृणा फैलाने और लोगों को जाति संघर्ष के लिए उकसाने और कोविड-19 महामारी के समय अवैध तरीके से एकजुट होने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का सहारा लिया. वहीं पीड़ित परिवार को अपने पक्ष में बोलने के लिए कुछ समूहों ने 50 लाख रुपये तक की पेशकश की थी, इन दावों की भी जांच की जाएगी.
प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) पहले से ही पोपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (Popular Front of India) के सदस्यों से पूछताछ कर रहा है. गौरतलब है कि उन्हें हाथरस में विवाद पैदा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. बीते 7 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश पुलिस ने मथुरा में चार पीएफआई सदस्यों के खिलाफ पहली प्राथमिकी दर्ज की थी. वह कथित तौर पर हाथरस में शांति भंग करने जा रहे थे. बता दें कि सीबीआई पहले से ही इस मामले की जांच कर रही है, जबकि राज्य सरकार द्वारा मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) भी गठित किया गया है.