उत्तर प्रदेश: लखनऊ के एक कोर्ट ने आत्महत्या मामले में फरार घोषित हुए UP के निलंबित इंस्पेक्टर
लखनऊ के एक कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के तीन निलंबित पुलिसकर्मियों को फरार घोषित कर दिया है. इनमें से एक महोबा का पूर्व पुलिस अधीक्षक भी है, जो दो महीने पहले एक व्यापारी की आत्महत्या के लिए अपहरण के मामले में वांछित है. एसआईटी जांच से निष्कर्ष निकला कि त्रिपाठी ने आत्महत्या की थी. घटना के बाद से पाटीदार और अन्य फरार हैं.
लखनऊ, 15 नवंबर : लखनऊ के एक कोर्ट ने उत्तर प्रदेश (Uttar Predesh) के तीन निलंबित पुलिसकर्मियों को फरार घोषित कर दिया है. इनमें से एक महोबा का पूर्व पुलिस अधीक्षक भी है, जो दो महीने पहले एक व्यापारी की आत्महत्या (Suicide) के लिए अपहरण के मामले में वांछित है. महोबा जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेंद्र कुमार गौतम ने कहा, "एसपी मणिलाल पाटीदार, इंस्पेक्टर देवेंद्र शुक्ला और कांस्टेबल अरुण यादव के लिए विशेष अदालत ने यह आदेश तब घोषित किया, जब वे आपराधिक प्रक्रिया संहिता के तहत फरार थे."
गौरतलब है कि 44 साल के इंद्रकांत त्रिपाठी को उनकी कार में 8 सितंबर को गोली लगने के कारण घायल अवस्था में पाया गया था. मरने से कुछ दिन पहले ही व्यापारी ने पाटीदार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. वहीं 13 सितंबर को उनकी मौत हो गई. वहीं 9 सितंबर को पाटीदार को भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था और जांच का आदेश दिया गया था.
व्यापारी के भाई ने आरोप लगाया था कि पाटीदार ने त्रिपाठी से 6 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी और एक सप्ताह के भीतर रकम न देने पर उसे जान से मारने या जेल भेजने की धमकी दी. हालांकि एसआईटी जांच से निष्कर्ष निकला कि त्रिपाठी ने आत्महत्या की थी. घटना के बाद से पाटीदार और अन्य फरार हैं.