यूपी के शराब प्रेमियों के लिए बुरी खबर, योगी सरकार ने देशी-विदेशी शराब के दाम में किया बड़ा इजाफा
देशभर में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के मकसद से लॉकडाउन लगाया गया है, जिस वहज से केंद्र और राज्य सरकार का राजस्व बुरी तरह प्रभावित हुआ है. इस वजह से कई सरकारें शराब पर अतिरिक्त कर लगाकर अपना खजाना भरने का प्रयास कर रही है.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में रहने वाले शराब प्रेमियों के लिए एक बुरी खबर है. अब योगी सरकार ने भी दिल्ली, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु की तरह ही शराब पर कर बढ़ा दिया है. जिस वजह से शराब के दाम में अच्छी-खासी बढ़ोतरी हुई है. उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना (Suresh Kumar Khann) ने बताया कि राज्य में बिकने वाली देशी शराब में 5 रुपये की वृद्धि हुई है जो पहले 65 रुपये में मिलती थी वो अब 70 रुपये में मिलेगी. जबकि 75 रुपये में मिलने वाली देशी शराब का दाम 80 रुपये हो जाएगा.
योगी कैबिनेट में संसदीय कार्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि विदेशी शराब पर 180ML तक 10 रुपये, 180 ML से 500 ML तक 20 रुपये और 500 ML से ज्यादा पर 30 रुपये की वृद्धि की गई है. ज्ञात हो कि सोमवार से ही राज्य में शराब की दुकानें खोली गई थी और पहले ही दिन करीब 100 करोड़ रुपये की देशी-विदेशी शराब बिकी. प्रदेश में शराब की दुकानों पर पहले ही दिन उमड़ी भीड़ से सरकार को काफी बड़ा राजस्व मिलने का अनुमान है. तेलंगाना: शराब की दुकान खुली तो खुशी से झूम उठा शख्स, कतार में खड़े लोगों के बीच जमकर करने लगा डांस, देखें वीडियो
लॉकडाउन के तीसरे चरण की शुरुआत के साथ शराब की दुकानें खुलते ही भीड़ उमड़ पड़ी. इस वजह से राज्य सरकार ने एक बार में कितनी शराब खरीदी जा सकती है, इसकी सीमा तय कर दी है. यूपी में तीन-चार दिन तक एक बार में एक व्यक्ति सिर्फ एक बोतल, दो अद्धा, तीन पव्वा, दो बीयर की बोतलें और तीन बीयर की केन खरीद सकता है. साथ ही दुकानदारों की भी ओवररेटिंग नहीं करने का सख्त निर्देश दिया है. दुकानों के बाहर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाने के लिए ग्राहकों के लिए घेरे बनाए गए हैं और किसी भी तरह हंगामे से बचने के लिए पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है. दिल्ली, आंध्र प्रदेश के बाद अब तमिलनाडु सरकार ने भी लिया शराब महंगी करने का फैसला, 180 ML के लिए देने पड़ेंगे इतने रुपये
उल्लेखनीय है कि देशभर में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के मकसद से लॉकडाउन लगाया गया है, जिस वहज से केंद्र और राज्य सरकार का राजस्व बुरी तरह प्रभावित हुआ है. इस वजह से राज्य सरकारें शराब पर अतिरिक्त कर लगाकर अपना खजाना भरने का प्रयास कर रही है. जिससे कोविड-19 महामारी से उत्पन्न हुए वर्तमान आर्थिक संकट से निपटा जा सके.