लखनऊ, 25 मार्च : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कहा कि प्रदेश सरकार से जुड़े सभी विभागों के एकीकृत भवनों (Integrated Building) का निर्माण कराया जाएगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को अपने सरकारी आवास पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश के 13 जिलों में राजस्व विभाग के 18 आवासीय व अनावासीय भवनों का लोकार्पण कर रहे थे. इनमें 12 अनावासीय और छह आवासीय परियोजनाएं शामिल हैं, जिनकी कुल लागत 118 करोड़ रुपये है. उन्होंने कहा कि एकीकृत भवन निर्माण की शुरुआत वाराणसी और गोरखपुर (Varanasi and Gorakhpur) से होगी. इन दोनों जिलों के कार्यालयों में एकीकृत भवा का निर्माण होगा. उन्होंने कहा, "हमारा प्रयास होना चाहिए कि जिलास्तरीय सभी कार्यालयों और मंडल स्तरीय सभी दफ्तरों को एक ही भवन में लाकर वहां से सारी कार्य पद्धति को सुव्यवस्थित तरीके से आगे बढ़ाएं, जिससे कि आम आदमी की सारी समस्याओं का समाधान एक ही जगह हो जाए. इन भवनों में सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं.
तहसील स्तर पर भी ऐसी ही व्यवस्था लागू करने की कोशिश होनी चाहिए. हम तकनीक का भी भरपूर इस्तेमाल करें, ताकि सरकारी दफ्तरों में अनावश्यक भीड़भाड़ न हो और जनता और सरकारी कर्मचारियों का समय भी बचे." मुख्यमंत्री ने अनावासीय भवनों में स्थापित किए जाने वाले कार्यालयों के कार्यो के सुचारु संपादन के लिए तकनीक का प्रयोग करने के लिए कहा. तकनीक के प्रयोग से जनता की समस्याओं का त्वरित निस्तारण किया जा सकता है. सभी विभाग शासन की मंशा के अनुरूप स्वयं से संबंधित सभी कार्यो को समयबद्धता से पूरा करें. योगी ने कहा कि राज्य सरकार जनता की समस्याओं के त्वरित एवं प्रभावी निराकरण के लिए कटिबद्ध है. आवासीय भवनों को सरकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को आवंटित किया जाएगा. इससे जहां एक ओर इन लोगों की आवासीय समस्या का समाधान होगा, वहीं दूसरी ओर कार्यालय के समीप स्थित होने से आवागमन में ज्यादा समय नष्ट नहीं होगा. इससे यह अधिकारी/कर्मचारी कार्यालय में अधिक समय देकर जनसमस्याओं का निराकरण प्रभावी ढंग से कर सकेंगे. यह भी पढ़ें : Uttar Pradesh: सब-इंस्पेक्टर की मौत पर सीएम योगी ने शोक व्यक्त किया
उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग द्वारा इन भवनों का निर्माण समयबद्धता के साथ पूरी गुणवत्ता से किया गया है. ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश मामले राजस्व, वरासत इत्यादि से संबंधित होते हैं. कार्यालयों की उपलब्धता से अब इन मामलों के निराकरण में तेजी आएगी. मुख्यमंत्री ने विभिन्न जनपदों में मौजूद पुराने सरकारी भवनों की स्थिति की समीक्षा करने के निर्देश देते हुए कहा कि भविष्य में जो आवासीय/अनावासीय भवन निर्मित किए जाएं, उनमें यह व्यवस्था की जाए कि यह भवन आसपास ही हों और अनावासीय भवनों में अधिकांश विभागों के कार्यालय स्थापित किए जा सकें, ताकि लोगों को अपना कार्य करवाने में कोई असुविधा न हो.