Uttar Pradesh Assembly Elections 2022: यूपी चुनाव से दूर रहेंगे बिहार के सीएम नीतीश कुमार और केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह
नीतीश कुमार और आरसीपी सिंह (Photo Credits: PTI)

पटना: बिहार (Bihar) में सत्ताधारी जनता दल (युनाइटेड) (BJP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रत्याशी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Elections) में भले ही एक-दूसरे के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरेंगे, लेकिन जदयू के प्रत्याशियों के प्रचार के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) यूपी नहीं जाएंगे. इसके अलावा केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह (RCP Singh) भी अब यूपी चुनाव से दूरी बना ली है. जदयू की ओर से शुक्रवार को जारी अपने स्टार प्रचारकों की सूची में पार्टी के इन दोनों दिग्गज नेताओं का नाम नहीं है. UP Elections 2022: सीएम योगी का बड़ा आरोप, कहा- सपा-बसपा और कांग्रेस में होड़ मची है, कौन कितने बड़े दंगाई को प्रत्याशी बनाए

वैसे, पहले से ही यह कयास लगाए जा रहे थे कि नीतीश यूपी विधानसभा में जदयू प्रत्याशियों के लिए चुनाव प्रचार को नहीं जाएंगे. माना जा रहा था कि वे पटना से ही वर्चुअल मोड में यूपी में अपने दल के प्रत्याशियों के लिए चुनावी सभा करेंगे.

जदयू द्वारा जारी स्टार प्रचारकों की सूची में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, प्रधान महासचिव व प्रवक्ता के सी त्यागी के अलावा संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री उपेंद्र कुशवाहा के अलावा बिहार प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा के नाम हैं.

सूची में रामनाथ ठाकुर, मौलाना गुलाम रसूल बलियावी, हर्षवर्धन सिंह, रविन्द्र प्रताप सिंह, अनूप सिंह पटेल, आर पी चौधरी, सुरेंद्र त्यागी, संजय कुमार, डॉ भरत पटेल, संजय धनगर और डॉ के के त्रिपाठी का नाम है.

जदयू के एक नेता कहते हैं कि नीतीश कुमार की पूर्व में यूपी में सभाएं हुई थीं, जिसमें बड़ी संख्या में लोग आए थे. चुनाव के दौरान अगर सभा होती है तो कोविड प्रोटोकाल के कारण परेशानी होगी. वैसे, माना जा रहा है कि कुछ सीटों पर नीतीश वर्चुअल सभा कर सकेंगे. उल्लेखनीय है कि अब तक जदयू ने यूपी चुनाव में 26 सीटों पर लड़ने की घोषणा की है, जिसमें 20 उम्मीदवारों की सूची भी जारी कर दी गई है.

माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आरसीपी सिंह यूपी चुनाव प्रचार करने जाएंगे तो उन्हें भाजपा के खिलाफ प्रचार करना होगा. बिहार में नीतीश कुमार भाजपा गठबंधन के तहत मुख्यमंत्री बने हैं, जबकि आरसीपी सिंह केंद्र में मंत्री हैं. ऐसे में कहा जा रहा है कि इन दोनों नेताओं के यूपी में प्रचार करने से देानों दलों के रिश्तों में असर पड़ सकता है.