उत्तर प्रदेश: 10 दिनों में खेतों में पराली जलाने के आरोप में 10 किसान गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश में पिछले 10 दिनों में अपने-अपने खेतों में पराली जलाने के आरोप में 10 किसानों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. जिला प्रशासन ने जिले के 300 किसानों पर 13.5 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया है. प्रशासन ने पंचायत राज अधिनियम की धारा के तहत नंदगांव और छटा ब्लॉक के पांच ग्राम प्रधानों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है.

उत्तर प्रदेश: 10 दिनों में खेतों में पराली जलाने के आरोप में 10 किसान गिरफ्तार
पराली (Photo Credits: IANS)

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में पिछले 10 दिनों में अपने-अपने खेतों में पराली (Stubble) जलाने के आरोप में 10 किसानों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. जिला प्रशासन ने जिले के 300 किसानों पर 13.5 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया है. प्रशासन ने पंचायत राज अधिनियम की धारा के तहत नंदगांव और छटा ब्लॉक के पांच ग्राम प्रधानों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है, जो अपने संबंधित गांवों में भारी मात्रा में पराली जलाए जाने के कारण ग्राम प्रधानों को हटाने का प्रावधान करता है.

ग्राम प्रधानों पर अपने-अपने गांव में पराली जलाने को रोकने और साथ ही पर्यावरण प्रदूषण (Pollution) को रोकने की जिम्मेदारी है. मथुरा उन 10 जिलों में शामिल है, जो बड़ी मात्रा में पराली जलाए जाने के मामले में रडार पर है और योगी आदित्यनाथ सरकार ने भी इस मुद्दे पर जिले के अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है. मथुरा के जिलाधिकारी सर्वज्ञ राम मिश्रा ने कहा कि किसानों को पर्यावरण संरक्षण अधिनियम की धारा 15 का उल्लंघन करने के मामले में गिरफ्तार किया गया है.

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उन्होंने कहा कि प्रशासन ऐसे मामलों पर लगातार नजर बनाए हुए है और अगर किसान नियमों का उल्लंघन करते रहे तो उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी. पांच गांवों-देह, पुलवाना, हताना, खरौत और फलेन के ग्राम प्रधानों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं, क्योंकि वहां बड़ी संख्या में पराली जलाए जाने के मामले सामने आए हैं.

जिला अधिकारी ने कहा, "अगर वे उचित जवाब देने में विफल रहते हैं, तो उन्हें उनके पद से हटा दिया जाएगा." मथुरा के एसएसपी शलभ माथुर ने कहा कि जिन लोगों को उनके खेतों में फसलों की पराली जलाने के लिए गिरफ्तार किया गया है, उन पर आईपीसी की धारा 278 (स्वास्थ्य के लिए हानिकारक वातावरण बनाने) के तहत मामला दर्ज किया गया है और जिन्होंने अपने खेतों के कोने पर पराली इकट्ठा किया था या पराली जलाने के किसी एकांत जगह पर इकट्ठा किया उन पर सीआरपीसी की धारा 151 के तहत मामला दर्ज किया गया.

उन्होंने कहा कि कुछ किसानों, जिन्होंने सरकारी अधिकारियों को उनके कर्तव्यों का निर्वहन करने से रोकने की कोशिश की थी, उन पर आईपीसी की धारा 353 (सार्वजनिक सेवा के कर्तव्य का निर्वहन करने से पुलिस को रोकने) के तहत मामला दर्ज किया गया है. गिरफ्तार 10 किसानों की पहचान छटा इलाके के निरंजन सिंह, पूरन सिंह, उनकी पत्नी वीरवती, वीरपाल सिंह और पप्पू के रूप में हुई है. कोसीकलां से गिरफ्तार तीन किसानों में गुलाब सिंह, मोनू और गोविंद शामिल हैं, जबकि अशोक कुमार, मानवेंद्र और राजू को शेरगढ़ इलाके से और मोहन लाल को नंदगांव से गिरफ्तार किया गया है.


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